जम्मू-कश्मीर में महसूस हुए भूकंप के झटके, रिक्टर पर 3.1 तीव्रता
जम्मू-कश्मीर के डोडा में दोपहर 15:47 बजे भूकंप आया. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.1 मापी गई. झटके महसूस होने पर लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. हालांकि खबर लिखे जाने तक किसी भी जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है.
highlights
- पिछले 6 महीने से हर महीने कांप रही धरती
- इससे पहले लद्दाख में हिली थी धरती
- रिक्टर पर भूकंप की तीव्रता 3.1 मापी गई
नई दिल्ली:
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के डोडा जिला में आज यानि मंगलवार शाम 3.47 बजे भूकंप (Earthquake) के हल्के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.1 थी. फिलहाल इससे अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि जम्मू-कश्मीर के डोडा में दोपहर 15:47 बजे भूकंप आया. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.1 मापी गई. झटके महसूस होने पर लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. हालांकि खबर लिखे जाने तक किसी भी जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है.
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पिछले कुछ दिनों से हिमालय की गोद में बसे इस इलाके में कुछ ज्यादा ही भूकंप आ रहे हैं. इससे पहले पिछले महीने 21 मई और 22 मई को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे. 22 मई की दोपहर 1.29 बजे भूकंप का हल्का झटका जम्मू कश्मीर में महसूस किया गया था. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.3 थी और इसका केंद्र जम्मू कश्मीर के कटड़ा से उत्तर पूर्व में 93 किलोमीटर दूर था. 21 मई को सुबह 11.02 बजे लद्दाख में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. लद्दाख में 4.2 रिक्टर स्केल पर भूकंप की गति महसूस की गई.
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वहीं जम्मू कश्मीर और लद्दाख में पिछले छह महीनों में हर महीने भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. इससे पहले पिछले 19 मई को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के डोडा क्षेत्र में 3.2 रिक्टर स्केल की गति से भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. विशेषज्ञों का मानना है कि लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में आ रहे भूकंप का केंद्र लगातार लद्दाख में बन रहा है. अगर कोई बड़ा झटका आ गया तो नुकसान होने की संभावना है.
जानिए क्यों आता है भूकंप?
बताया जाता है कि पृथ्वी कई लेयर में बंटी है और जमीन के नीचे कई तरह की प्लेट पाई जाती हैं, जोकि आपस में फंसी रहती हैं. हालांकि कई बार ये प्लेट्स खिसक जाती है, जिस वजह से भूकंप के झटके महसूस होते हैं. कई बार इससे ज्यादा कंपन भी होता और तीव्रता बढ़ जाती है. भारत में भूकंप पृथ्वी के भीतर की परतों में होने वाली भोगौलिक हलचल के आधार पर कुछ जोन निर्धारित किए गए हैं. इन संभावनाओं के आधार पर भारत को 5 जोन बांटा गया है, जो बताता है कि भारत में कहां सबसे ज्यादा भूकंप आने का खतरा रहता है. इसमें जोन-5 में सबसे ज्यादा भूकंप आने की संभावना रहती है और 4 में उससे कम, 3 उससे कम होती है.
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