एनआईए (NIA) की टीम ने गुरुवार को बर्खास्त डीएसपी देविंदर सिंह (DSP Devendra Singh) को जम्मू के एनआईए कोर्ट में पेश किया है. इस दौरान टीम ने दविंदर के साथ गिरफ्तार तीनों आतंकवादियों को भी कोर्ट में पेश किया है. इस पर एनआई कोर्ट ने देविंदर सिंह और 3 अन्य को 15 दिन की एनआईए रिमांड पर भेज दिया है. बताया जा रहा है कि आतंकवादियों के साथ सांठगांठ के आरोप में गिरफ्तार किए गए जम्मू एवं कश्मीर के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देविंदर सिंह को इस सप्ताहांत दिल्ली लाया जाएगा. यह जानकारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सूत्रों ने दी.
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एनआईए की टीम बर्खास्त अधिकारी से जम्मू में पूछताछ कर रही है. सूत्रों की मानें तो पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि देविंदर ने आतंकियों को छुपाने के लिए तीन मकान बनवा रखे थे. इस खुलासे के बाद एक दिन पहले बुधवार को श्रीनगर में कई इलाकों में छापेमारी की गई. सूत्रों के अनुसार, देविंदर सिंह को ट्रांजिट रिमांड पर जम्मू लाया गया था और गुरुवार को उसे एनआईए कोर्ट से औपचारिक रिमांड पर लिया जाएगा.
बताया जा रहा है कि देविंदर ने श्रीनगर के इंदिरानगर स्थित घर पर ही आतंकियों के रहने का इंतजाम नहीं किया था, बल्कि चानपोरा व सनत नगर इलाकों में भी उनके रहने के इंतजाम किए थे. यह भी कहा जा रहा है कि ये घर निर्दोष लोगों को आतंकवाद में फंसाकर उनसे वसूले गए पैसे से खड़े किए गए थे. आतंकियों को छुपाने के लिए देविंदर गुलशन नगर में एक डॉक्टर के घर का भी इस्तेमाल करता था. इसी जगह उसने हिजबुल कमांडर नवीद समेत कई आतंकियों को ठहराया था.
देविंदर सिंह को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है. कहा जा रहा है कि 1992 में ट्रक में ड्रग्स की खेप बरामद करने के साथ तस्कर भी दबोचा गया था. आरोप है कि तब पैसे लेकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया था और ड्रग्स भी बेच दी गई थी. जांच के बाद देविंदर को सस्पेंड कर दिया गया था. बाद में माफी मांगने के बाद उसे बहाल किया गया था.
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एनआईए द्वारा बुधवार को श्रीनगर में सिंह के आवासों पर फिर से छापे मारे गए. सिंह को 11 जनवरी को एक वाहन में दो आतंकवादियों- नावेद बाबू और रफी अहमद के साथ ही एक वकील इरफान अहमद को जम्मू ले जाते समय पकड़ा गया था. सूत्रों के मुताबिक दोनों आतंकवादियों और वकील के जम्मू से पाकिस्तान जाने की योजना थी. जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच के बाद मामला एनआईए को स्थानांतरित कर दिया गया था. सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उसे सम्मान के तौर पर दिए गए पदक और प्रमाण पत्र भी सोमवार को वापस ले लिए हैं.