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आतंकियों के साथ देख DSP दविंदर सिंह को DIG ने जड़ दिए थे थप्‍पड़

कार में आतंकियों के साथ दविंदर सिंह को बैठे देखकर डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) अतुल गोयल अपना आपा खो बैठे थे. उन्होंने वहीं दविंदर सिंह को कई थप्पड़ भी जड़ दिए थे.

Updated on: 15 Jan 2020, 09:20 AM

नई दिल्‍ली:

हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के साथ गिरफ्तार डीएसपी दविंदर सिंह (DSP Davinder Singh) से कड़ी पूछताछ की जा रही है. बताया जा रहा है कि कार में आतंकियों के साथ दविंदर सिंह को बैठे देखकर डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) अतुल गोयल अपना आपा खो बैठे थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने वहीं दविंदर सिंह को कई थप्पड़ भी जड़ दिए थे. यह भी कहा जा रहा है कि अगर शनिवार शाम थोड़ी भी देर हो जाती, तो डीएसपी दविंदर सिंह आतंकियों को कश्मीर से बाहर निकलवाने में सफल हो जाता. एक पुलिस अधिकारी ने बताया, 'उसकी कार बहुत स्पीड में थी. अगर वे जवाहर टनल पार करके बनिहाल दाखिल हो जाते, तो उन्हें रोकना नामुमकिन हो जाता. बनिहाल जम्मू का एंट्री प्‍वाइंट है.

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DSP दविंदर सिंह श्रीनगर एयरपोर्ट पर एंटी हाईजैकिंग स्क्वॉड में तैनात था. छापेमारी में उसके घर से 1 एके-47 और 2 पिस्टल बरामद हुए थे. कार से भी 2 एके-47 राइफलें मिली थीं. यह भी पता चला कि डीएसपी ने गिरफ्तारी से एक दिन पहले हिजबुल आतंकियों नवीद बाबू, अल्ताफ और उनके साथी इरफान को अपने घर में ही पनाह दी थी. इरफान वकील बताया जा रहा है, यही आतंकी नवीद बाबू और अल्ताफ को डीएसपी दविंदर सिंह के घर लेकर गया था. शनिवार को इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था.

रविवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, 'एसपी को सूचना मिली थी कि i10 कार से दो आतंकी जम्मू की तरफ जा रहे हैं. ऐसे में एसपी शोपियां ने मुझे इसकी सूचना दी. फिर मैंने डीआईजी साउथ कश्मीर को उस इलाके में चेक प्‍वाइंट लगाने को कहा. आईजी ने कहा, 'जब कार को रोकने के बाद पुलिसवाले हैरान रह गए. अंदर तीन लोगों के साथ डीएसपी दविंदर सिंह था. गाड़ी में सवार सभी लोगों ने पगड़ी पहनी थी, ताकि किसी को शक न हो. डीएसपी के साथ ये तीन लोग हिजबुल आतंकी नवीद बाबू, अल्ताफ और वकील इरफान थे. आतंकी जम्‍मू से चंडीगढ़ और वहां से दिल्‍ली आने वाले थे.

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यह भी पता चला है कि DSP दविंदर सिंह कई मोबाइल फोन ऑपरेट कर रहा था. इन नंबरों से सिर्फ वह आतंकियों से बात करता था. इन नंबरों से फोन कॉल, या फिर सोशल मीडिया के जरिए हुई गतिविधियों का पता लगाया जा रहा है. फिलहाल, पुलिस सारी कड़ियों को जोड़ने की कोशिश में जुटी हुई है.