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आज तक एक भी राजनीतिक व्यक्ति हिरासत में नहीं है: डीजीपी दिलबाग सिंह

जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह (Jammu and Kashmir DGP Dilbagh Singh) ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आज तक एक भी राजनीतिक व्यक्ति हिरासत में नहीं है.

Updated on: 21 Jun 2021, 04:45 PM

highlights

  • जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह का बयान
  • सोपोर ऑपरेशन में तीन आतंकवादी मारे गए
  • 'एक भी राजनीतिक व्यकित जेल में नहीं है'

श्रीनगर:

जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह (Jammu and Kashmir DGP Dilbagh Singh) ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आज तक एक भी राजनीतिक व्यक्ति हिरासत में नहीं है. साथ ही उन्होंने (DGP Dilbagh Singh) प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि इस साल सोपोर में दो मुठभेड़ों में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के दो विदेशी आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया है. इससे साफ पता चलता है कि विदेशी आतंकी अभी भी मौजूद हैं जो निचले स्तर पर हैं. हमारे पास उनका विवरण है और हम उसी के अनुसार अभियान शुरू कर रहे हैं. 

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सोपोर एनकाउंटर पर डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर (सोपोर) ऑपरेशन में तीन आतंकवादी मारे गए. यह भारतीय सेना, पुलिस और सीआरपीएफ का संयुक्त अभियान था. आतंकवादी सर्वल आतंकी अपराधों में शामिल थे. उनमें से एक मुदासिर पंडित के नाम पर 18 एफआईआर दर्ज हैं. 

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डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि कुपवाड़ा में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी की गई है और सीमा पार से हथियार गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा कोई घुसपैठ नहीं.

पुलिस और सुरक्षाबल के बीच मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराया गया था

बता दें कि जम्मू-कश्मीर के सोपोर के गुंड ब्राठ इलाके में पुलिस और सुरक्षाबल के बीच मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराया गया है. मारे गए आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष आतंकी मुदासिर पंडित भी शामिल है. इस ऑपरेशन को सेना की 22-आरआर(राष्ट्रीय राइफल्स), सोपोर पुलिस और सीआरपीएफ की 179-बटालियन ने अंजाम दिया.

जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि यह ऑपरेशन कल रात शुरू किया गया था. जिसमें तीन आतंकी मारे गए हैं. ये सभी आतंकी कमांडर थे, जोकि कई हमलों में शामिल थे. मारा गया शीर्ष आतंकी मुदासिर चार नागरिकों, नौ सुरक्षाकर्मियों, दो पूर्व आतंकियों, तीन सरपंच और दो हुर्रियत नेताओं की हत्या में शामिल था. आतंकी खुर्शीद अहमद 2020 से सक्रिय था. वह कई हमलों और हत्याओं में मुदासिर के साथ शामिल था.