कश्मीर में भूमि धोखाधड़ी मामले में दो राजस्व अधिकारी के खिलाफ आरोपपत्र दायर
अपराध शाखा द्वारा जारी एक बयान के अनुसार पहलगाम तहसील के राजस्व अधिकारियों के खिलाफ मंगलवार को अदालत में आरोपपत्र दायर किया गया.
श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने दक्षिण कश्मीर भूमि धोखाधड़ी मामले में दो राजस्व अधिकारी सहित छह लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है. अपराध शाखा द्वारा जारी एक बयान के अनुसार पहलगाम तहसील के राजस्व अधिकारियों के खिलाफ मंगलवार को अदालत में आरोपपत्र दायर किया गया. उसने बताया कि आरोपियों में तत्कालीन लरिपोरा पटवारी गुलाम मोहम्मद इटो (जो अब पहलगाम के तहसीलदार हैं), गिरदावरी अब्दुल गनी राथर, अब्दुल राशिद शेख, अब्दुल रज्जाक शेख, अली मोहम्मद शेख और सकीना शामिल हैं.
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अनंतनाग की भ्रष्टाचार निरोधक अदालत के विशेष अतिरिक्त न्यायाधीश के समक्ष 2010 में दर्ज यह मामला पेश किया गया. पहलगाम के फ्रिस्लान गांव के अब्दुल खालिक शेख और अन्य द्वारा की शिकायतों के आधार पर अपराध शाखा के कश्मीर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था.
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मामले की जांच में पता चला कि राजस्व विभाग के अधिकारियों और अन्य आरोपियों ने अनंतनाग में ‘एस्टेट फ्रिस्लान पहलगाम’ में स्थित छह कनाल और नौ मार्ला (लगभग एक एकड़ भूमि) की जमीन को मापने के संबंध में दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में धोखाधड़ी की थी. बयान के अनुसार जांच में पता चला कि आरोपियों के पक्ष में गलत तरीके से दाखिल-खारिज की प्रक्रिया की गई. उसने कहा कि श्रीनगर से जमीन एजाज अहमद मीर और अहमद शाह को बेचे असली मालिक से उसके स्वामित्व का हक छीन लिया गया था.
गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की
गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के तीन महीने बाद मंगलवार को केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. यह शाह और नव निर्मित केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के शीर्ष सिविल और पुलिस अधिकारियों के बीच पहली बैठक है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्य सचिव बी वी आर सुब्रमण्यम और पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने केंद्र शासित प्रदेश में मौजूदा हालात खासतौर से मोबाइल फोन नेटवर्कों पर से प्रतिबंध हटाए जाने के बाद की स्थिति के बारे में शाह को बताया.
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बहरहाल, अभी यह नहीं पता चला है कि क्या बैठक में नेताओं को रिहा करने की संभावना के बारे में चर्चा की गई. ये नेता पांच अगस्त से हिरासत में हैं जब केंद्र ने भूतपूर्व राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने की घोषणा की थी. जो नेता हिरासत में हैं उनमें पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं.
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