कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने लिए लोगों की आवाजाही पर घाटी में लगी रोक का बुधवार को 21वां दिन हो गया जबकि अधिकारियों ने वायरस के मद्देनजर शहर में शब-ए-बारात के अवसर पर लोगों के जमा होने और उनकी आवाजाही पर रोक लगा दी है. अधिकारियों ने बताया कि घाटी में संक्रमित लोगों की संख्या में इजाफा के बाद कड़ाई बरती जा रही है. मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट शाहिद इकबाल चौधरी ने जिले में शब-ए-बारात के मद्देनजर लोगों के जमा होने और उनकी आवाजाही पर रोक लगा दी.
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शब-ए-बारात 8-9 अप्रैल को है. इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग कब्रों पर जाते हैं और अपने लोगों की याद में प्रार्थनाएं करते हैं. यह आदेश सीआरपीसी की धारा 144 के तहत दी गई है और इसमें इस अवसर पर धार्मक सभा पर प्रतिबंध लगाया गया है. यह आदेश मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए दिया गया है. आदेश में कहा गया है कि यह प्रतिबंध आठ तारीख के दरमियानी रात से नौ तारीख तक प्रभावी रहेगा. आदेश में कहा गया है कि इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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सुरक्षा बलों ने घाटी में मुख्य सड़कों को बंद कर रखा है और कई स्थानों पर अवरोधक लगा रखे हैं ताकि बंद के दौरान लोगों की अनावश्यक आवाजाही पर रोक लगाई जा सके. घाटी में सार्वजनिक यातायात सड़कों से नदारद है और बाजार बंद है. सिर्फ दवाईयों और जरूरी सामानों के दुकान ही खुले हैं. घाटी में सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को देशव्यापी बंद की घोषणा की थी जबकि केंद्रशासित क्षेत्र के प्रशासन ने यहां 22 मार्च से ही बंद की घोषणा कर दी थी.
Source : Bhasha