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Article 370 हटने के 4 साल पूरे, महबूबा मुफ्ती समेत कई नेता नजरबंद, सील किया गया PDP का कार्यालय

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें नजरबंद किया गया और उनके साथ पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता भी हैं. ये सबकुछ पांच अगस्त की मध्य रात्रि से क्रैकडाउन के नाम पर किया गया है.

Updated on: 05 Aug 2023, 01:41 PM

highlights

  • अनुच्छेद 370 हटाए जाने को पूरे हुए चार साल. 
  • महबूबा मुफ्ती समेत कई नेता नजरबंद. 
  • महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी सरकार पर किया सियासी वार.

नई दिल्ली:

Jammu Kashmir Article 370 Abrogation Day: अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने की चौथी बरसी पर जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. ऐहतियात के तौर पर कुछ नेताओं को नजरबंद किया गया है जिनमें पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) भी शामिल हैं. महबूबा की पार्टी ने 5 अगस्त यानी जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने की वर्षगांठ के विरोध में शांतिपूर्ण कार्यक्रम को लेकर अनुमति मांगी थी लेकिन सुरक्षा कारणों का हवाल देते हुए जिला प्रशासन कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी.

महबूबा मुफ्ती ने किया ट्वीट

इस बीच महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें नजरबंद किया गया और उनके साथ पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता भी हैं. ये सबकुछ पांच अगस्त की मध्य रात्रि से क्रैकडाउन के नाम पर किया गया जिसमें हजारों की संख्या में पीडीपी कार्यकर्ताओं को अलग-अलग पुलिस स्टेशन में बंद कर दिया गया.  घाटी में सामान्य हालात का जिक्र कर केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट को गुमराह कर रही है. हकीकत में केंद्र ने जो कदम उठाया उसमें डर साफ झलकता है.

'सुप्रीम कोर्ट इन मामलों पर संज्ञान लेगा'

एक अन्य ट्वीट में महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा कि, एक तरफ अनुच्छेद 370 हटाए जाने का जश्न मनाने के लिए होर्डिंगस लगाई गई हैं तो दूसरी तरफ दमन के जरिए लोगों की वास्तिवक भावनाओं को कुचला जा रहा है. महबूबा मुफ्ती ने ये भी कहा था कि पांच अगस्त से पहले बड़ी संख्या में पीडीपी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का मतलब क्या है. उन्होंने पुलिसिया कार्रवाई का वीडियो भी साझा किया था. बीजेपी को तमाशा करने की पूरी छूट मिली हुई है. उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इन सभी मामलों पर संज्ञान लेगा. 

बीजेपी को जश्न मनाने की इजाजत

महबूबा मुफ्ती ने ये भी कहा कि पीडीपी को अनुमति देने से इनकार कर दिया गया, लेकिन बीजेपी को जश्न मनाने के लिए नेहरू पार्क से एसकेआईसीसी तक रैली आयोजित करने के अनुरोध को अनुमति दे दी गई है. प्रशासन के संदिग्ध दृष्टिकोण की हम कड़ी निंदा करते हैं और ये बार-बार हमारे रुख की पुष्टि करता है कि प्रशासन और देश दोनों नियमों या संविधान के अनुसार नहीं, बल्कि बीजेपी द्वारा निर्धारित राजनीतिक एजेंडे के अनुसार चलते हैं. 

ये भी जानें 

बता दें कि पांच अगस्त 2019 को संसद ने अनुच्छेद 370 को खारिज करते हुए जम्मू कश्मीर का कद राज्य से घटाकर केंद्र शासित प्रदेश किया इसके साथ ही लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया था.