कश्मीर में सेना को आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में बाधा बनने वालों से सख्ती से निपटने की छूट दे दी गई है। अब आतंकियों के खिलाफ सेना की कार्यवाई में अगर कोई बाधा डालता है तो उनके खिलाफी सेना लाठी के बजाय सीधे बंदूक का इस्तेमाल कर सकती है।
गौरतलब है कि कुलगाम, बांदीपुरा में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान स्थानीय लोगों ने सेना पर पत्थरबाजी की थी और इसके चलते आतंकी भाग निकले थे। इसके बाद जवानों की मौत पर सेना प्रमुख रावत ने कहा था कि अब आतंकियों के समर्थन में पत्थरबाजी करने वालों को भी देशद्रोही माना जाएगा।
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उनके इस बयान पर सियासी तापमान तेज हो गया था। पीडीपी छोड़ कांग्रेस में शामिल तारिक हमीद कर्रा ने कहा,'जम्मू-कश्मीर के हालत से सरकार गलत तरीके से निपट रही है।'
वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में 'कंसर्न्ड सिटिजन' समूह ने घाटी में खूनखराबा खत्म करने के लिए जम्मू-कश्मीर के सभी पक्षों से जल्द बातचीत का आह्वान किया। समूह ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर का मुद्दा सियासी है और इसके राजनीतिक समाधान की जरूरत है। इसे सभी पक्षकारों से बातचीत के जरिए ही हासिल किया जा सकता है।'
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Source : News Nation Bureau