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कश्मीर प्रशासनिक सेवा में अंजुम बशीर ने मारी बजी, कभी आतंकियों ने जला दिया था घर

अपनी कड़ी मेहनत और लगन से सुरनकोट के अंजुम बशीर खान ने कश्मीर प्रशासनिक सेवा में प्रथम स्थान हासिल किया।

Updated on: 27 Dec 2017, 12:00 PM

नई दिल्ली:

कहते है अगर हौसले बुलंद हो तो मंज़िल तक पहुंचना मुमकिन हो जाता है। अपनी कड़ी मेहनत और लगन से सुरनकोट के अंजुम बशीर खान ने कश्मीर प्रशासनिक सेवा में प्रथम स्थान हासिल किया।

बिना किसी कोचिंग का सहारा लिए बशीर ने इस साल परीक्षा में टॉप किया। सालों से आतंकवाद की मार झेल रहे कश्मीर के इस युवा ने अनोखी मिसाल पेश की है।

अंजुम एक स्थानीय स्कूल में बच्चों को गणित विषय पढ़ाते है। पहली ही बार में परीक्षा में टॉप करने पर बशीर को अपने ऊपर बेहद गर्व है। बशीर का बचपन से ही जीवन संघर्ष भरा है।

1990 के दशक में, पुंछ जिले के सुरनकोट में उनके पैतृक घर को आतंकवादियों ने जला दिया गया था। इस घटना के बाद बशीर का परिवार जम्मू चला गया था।

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1990 के दशक के पूरे जम्मू और कश्मीर की हालत काफी बुरी थी पीर पंजाल, राजौरी और पुंछ इलाके विद्रोह और आतंकवाद के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए थे।

बशीर ने कहा, 'यह क्षेत्र विकसित नहीं हुआ, और दूसरी बात, वहां विद्रोह का खतरा था - यह हमारे लिए दोहरी परेशानी थी। मैंने वहां अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की, लेकिन जब उन परिस्थितियों में रहना मुश्किल हो गया तब हम उस क्षेत्र से चले गए और मैंने जम्मू में अपनी पूरी शिक्षा की।'

2008 में अंजुम ने बाबा गुलाम शाह बडशाह यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर इंजिनियर के लिए दाखिला लिया। 2012 में डिग्री पूरी कर ली। आतंक की राह पर जाने के बजाए अंजुम ने पढ़ाई का रास्ता चुना।

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