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कश्मीर में कुछ समय के लिए अचानक रोक दी गई अमरनाथ यात्रा, जानें क्या है पूरा मामला

कश्मीर के गुफा मंदिर में वार्षिक हिंदू तीर्थयात्रा एक जुलाई से शांतिपूर्वक जारी है. अधिकारियों ने कहा कि पिछले वर्ष यात्रा के 60 दिनों के दौरान जितने यात्रियों ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे, इसकी तुलना में पिछले सिर्फ 22 दिनों में उससे कई अधिक श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा कर चुके हैं.

Updated on: 23 Jul 2019, 02:29 PM

नई दिल्ली:

जम्मू एवं कश्मीर के कुलगाम जिला में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर संदिग्ध वस्तु दिखने के बाद अमरनाथ यात्रा को मंगलवार को कुछ समय के लिए रोक दिया गया. पुलिस सूत्रों ने कहा कि संदिग्ध वस्तु मारपोरा में पाई गई. सूत्रों ने कहा, 'राज्य पुलिस, सेना और केंद्रीय र्जिव पुलिस बल की टीमों को तुरंत वस्तु की जांच करने के लिए भेजा गया. कुछ संदिग्ध नहीं मिलने के बाद राजमार्ग पर यातायात बहाल कर दिया गया.'

बता दें, कश्मीर के गुफा मंदिर में वार्षिक हिंदू तीर्थयात्रा एक जुलाई से शांतिपूर्वक जारी है. अधिकारियों ने कहा कि पिछले वर्ष यात्रा के 60 दिनों के दौरान जितने यात्रियों ने पवित्र गुफा के दर्शन किए थे, इसकी तुलना में पिछले सिर्फ 22 दिनों में उससे कई अधिक श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा कर चुके हैं.

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यहां अधिकारियों ने कहा, 'अमरनाथ यात्रा के 22वें दिन कल 13,377 यात्रियों ने पवित्र गुफा के दर्शन किए और इस साल 1 जुलाई को यात्रा शुरू होने के बाद से 2,85,381 यात्री गुफा के दर्शन कर चुके हैं.'

उन्होंने कहा, 'पिछले साल यात्रा की पूरी 60 दिनों की अवधि में 2,85,006 यात्रियों ने यात्रा पूरी की थी.' पुलिस ने कहा कि भगवती नगर यात्री निवास से 3,060 यात्रियों का एक जत्था मंगलवार को सुरक्षा सहित दो काफिलों में रवाना हुआ. पुलिस अधिकारी ने आगे बताया, 'इनमें से 1,109 यात्री बालटाल आधार शिविर जा रहे हैं जबकि 1,951यात्री पहलगाम आधार शिविर जा रहे हैं.' श्रद्धालुओं के अनुसार, अमरनाथ गुफा में बर्फ की विशाल संरचना बनती है जो भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों की प्रतीक है.

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तीर्थयात्री पवित्र गुफा तक जाने के लिए या तो अपेक्षाकृत छोटे 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से जाते हैं या 45 किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग से जाते हैं. बालटाल मार्ग से लौटने वाले श्रद्धालु दर्शन करने वाले दिन ही आधार शिविर लौट आते हैं. दोनों आधार शिविरों पर हालांकि तीर्थ यात्रियों के लिए हैलीकॉप्टर की भी सेवाएं हैं.

स्थानीय मुस्लिमों ने भी हिंदू तीर्थयात्रियों की सुविधा और आसानी से यात्रा सुनिश्चित कराने के लिए बढ़-चढ़कर सहायता की है. एसएएसबी के अधिकारियों के अनुसार, यात्रा के दौरान 24 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जिनमें से 22 तीर्थयात्रियों की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है, वहीं दो लोगों की मौत दुर्घटनाओं में हुई है.