जम्मू-कश्मीर: नजरबंद 35 राजनेताओं को सेंटूर होटल से एमएलए हॉस्टल शिफ्ट किया गया, जानें क्यों

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के हिरासत में लिए गए 35 राजनेताओं को सेंटूर होटल से रविवार को श्रीनगर में एमएलए हॉस्टल भेज दिया गया.

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Deepak Pandey
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जम्मू-कश्मीर: नजरबंद 35 राजनेताओं को सेंटूर होटल से एमएलए हॉस्टल शिफ्ट किया गया, जानें क्यों

उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के हिरासत में लिए गए 35 राजनेताओं को सेंटूर होटल से रविवार को श्रीनगर में एमएलए हॉस्टल भेज दिया गया. सूत्रों ने कहा कि नेताओं को नई जगह पर शिफ्ट करने की वजह घाटी में ठंड की स्थिति है और उन्हें चार सितारा होटल में रखने की बढ़ती कीमत है.

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नेताओं के सेंटूर होटल में ठहरने का बिल तीन करोड़ रुपये आया है. नया आवास एक सस्ता विकल्प है. एमएलए हॉस्टल एक सरकारी भवन है, जिसका कोई किराया नहीं लगेगा.इससे पहले शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को चश्मे शाही अतिथि गृह से श्रीनगर के एमए रोड पर एक सरकारी बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया.

अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त को रद्द करने के बाद घाटी के ज्यादातर राजनेताओं को हिरासत में लिया गया और उन्हें डल झील के किनारे सेंटूर होटल में रखा गया था. उसी दिन सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 (Article 370) के प्रावधानों को समाप्त करने तथा राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था.

श्रीनगर समेत कश्मीर घाटी में सर्द हवाएं चल रही हैं. इस महीने की शुरुआत में मौसम की पहली बर्फबारी हुई. नवनिर्मित केंद्रशासित प्रदेश का प्रशासन शीतकाल के लिए श्रीनगर से जम्मू स्थानांतरित हो गया है. इन राजनीतिक बंदियों में पीपुल्स कान्फ्रेंस के सज्जाद लोन, नेशनल कान्फ्रेंस के अली मोहम्मद सागर, पीडीपी के नईम अख्तर और पूर्व IAS अधिकारी शाह फैसल शामिल हैं.

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अफसरों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को शुक्रवार को जाबेरवान रेंज की पहाड़ियों पर स्थित एक पर्यटक हट से शहर में एक सरकारी स्थान पर भेजा गया. इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि भारतीय पर्यटन विकास निगम (ITDC) के स्वामित्व वाले सेंटूर होटल ने इन लोगों के 100 दिन के आवास और अन्य खर्च का करीब 3 करोड़ रुपये का बिल गृह विभाग को भेजा है.

हालांकि प्रशासन ने सेंटूर होटल (Centaur Hotel) के बिल को खारिज करते हुए दलील दी है कि होटल को पांच अगस्त को एक सहायक अस्थाई जेल बनाया गया था और इसलिए सरकारी दरों पर भुगतान किया जाएगा.

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