जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में पुलिस पोस्ट पर आतंकियों ने फायरिंग की. जिसमें दो पुलिस कर्मी घायल हो गए हैं. घायल पुलिसकर्मी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सुरक्षा बलों का इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है. फायरिंग किश्तवाड़ के सेमिना कॉलोनी में हुई है. घायल पुलिसकर्मी का नाम मोहम्मद सलीम और अजय कुमार है. हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं कर रही है कि यह आतंकवादी हमला है या नहीं. लेकिन अचानक फायरिंग में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं. पुलिसकर्मी को गोली लग गई है जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया है.
वहीं आज यानी रविवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई थी. पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी को गिरफ्तार कर लिया था. आतंकी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में था. इसके लिए नापाक साजिश रच रहा था. पुलिस को इसकी भनक लगते ही उसके मंसूबे को नाकाम कर दिया. ना केवल मंसूबे को नाकाम किया, बल्कि उसे गिरफ्तार भी कर लिया. उसकी पहचान लश्कर के आतंकी के रूप में हुई है. पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर भारत के खिलाफ हमेशा साजिश रचते रहता है. लेकिन भारतीय पुलिस उसकी हर साजिश को नाकाम कर देता है.
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था कि नियंत्रण रेखा पर कभी भी हालात खराब हो सकते हैं और सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. उनका बयान ऐसे समय में आया था, जब अगस्त में अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के बाद से पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है. जनरल रावत ने 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पदभार संभालने के बाद घाटी में सीमा पार से फैलाए जा रहे आतंकवाद से निपटने में त्वरित कार्रवाई की नीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्हें 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होना है, लेकिन ऐसी संभावना है वह देश के पहले ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’ नियुक्त किए जाएंगे.
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सुरक्षा बलों के आकलन के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने घाटी में बहुत हद तक घाटी में स्थिति पर नियंत्रण पा लिया, लेकिन अभी भी चौकन्ना रहने की जरूरत है ताकि माहौल ना खराब हो. सूत्रों ने बताया कि कश्मीर में स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है और वास्तविक आकलन के आधार पर एक-एक कदम उठाए जा रहे हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने पिछले महीने लोकसभा में कहा था कि “अगस्त 2019 से अक्टूबर 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा से लगी सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की 950 घटनाएं हुई हैं.” सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) नियमित रूप से एलओसी पर भारतीय सुरक्षा बलों को निशाना बनाने का प्रयास कर रही है.
सेना प्रमुख रावत ने हाल ही में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि वह भारत के खिलाफ किसी भी तरह का दुस्साहस न करे. भारतीय सशस्त्र बल किसी भी प्रयास का माकूल जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. वहीं, उन्होंने कश्मीर घाटी में सेब व्यापारियों की हत्या का जिक्र भी किया था. उन्होंने कहा था कि पाक की तरफ से व्यवधानों के बावजूद भारतीय सशस्त्र बल सरकार के नजरिए के अनुरूप शांति और विकास स्थापित करने में सफल होंगे. पिछले महीने लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया था कि जम्मू-कश्मीर में अगस्त 2019 से लेकर अक्टूबर 2019 के बीच में सीमा पार से 950 बार सीजफायर का उल्लंघन किया जा चुका है.
Source : News Nation Bureau