हिमाचल पहुंचते ही कमजोर हुआ मानसून, अलर्ट के बाद भी कम हो रही बारिश

मानसून की एंट्री के बाद हिमाचल प्रदेश में बारिश की गतिविधियों में कमी और उमस से लोग परेशान हैं. हालांकि, मौसम विभाग ने आने वाले हफ्तों में बारिश बढ़ने की संभावना जताई है, जिससे लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है.

मानसून की एंट्री के बाद हिमाचल प्रदेश में बारिश की गतिविधियों में कमी और उमस से लोग परेशान हैं. हालांकि, मौसम विभाग ने आने वाले हफ्तों में बारिश बढ़ने की संभावना जताई है, जिससे लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है.

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Ritu Sharma
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Weather Monsoon

हिमाचल प्रदेश मानसून( Photo Credit : News Nation )

Himachal Weather Forecast: हिमाचल प्रदेश में 27 जून को मानसून की एंट्री हो चुकी है, लेकिन पहले ही हफ्ते में मानसून की ताकत कमजोर पड़ती नजर आई है. राज्य के कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी होने के बावजूद भी रेनफॉल एक्टिविटी में कमी दर्ज की गई है, जिससे लोगों को निराशा हाथ लगी है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, राज्य में मानसून की एंट्री के बाद बादल तो छाए हुए हैं, लेकिन बारिश की गतिविधियों में कमी आई है. इसके चलते लोग उमस का सामना कर रहे हैं. मौसम विभाग का मानना है कि बंगाल की खाड़ी में मानसून के कमजोर पड़ने का असर हिमाचल प्रदेश में भी देखा जा रहा है. बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाओं में कम नमी के कारण हिमाचल में भी मानसून का प्रभाव कमजोर हो गया है.

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आने वाले हफ्तों में बढ़ सकती है बारिश

वहीं मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि अगले हफ्तों में बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि, पहले हफ्ते में मानसून का प्रभाव कुछ ढीला पड़ा है, लेकिन आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि ऑरेंज अलर्ट जिले के कुछ हिस्सों के लिए जारी किया जाता है, जिसका मतलब यह नहीं है कि पूरे जिले में बारिश नहीं होगी.

तीन जिलों में सबसे ज्यादा बारिश

राज्य के विभिन्न जिलों में कम बारिश की रिपोर्ट के बावजूद मंडी, बिलासपुर और कांगड़ा जिलों में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. कांगड़ा में 75.6 मिलीमीटर, बिलासपुर में 65 मिलीमीटर और बरेठी में 77.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है. सुरेंद्र पॉल के अनुसार, इन जिलों में बारिश की गतिविधियां अपेक्षाकृत अधिक रही हैं.

बंगाल की खाड़ी में मानसून का कमजोर होना

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में मानसून के कमजोर पड़ने का असर हिमाचल प्रदेश में भी नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि अगर आने वाले समय में हवाओं का समर्थन मिला, तो राज्य में रेनफॉल एक्टिविटी बढ़ सकती है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आने वाले हफ्तों में अच्छी बारिश की संभावना जताई है, हालांकि इस बार मानसून के दौरान सामान्य बारिश का ही अनुमान लगाया गया है.

उमस से बढ़ी परेशानी

मानसून की शुरुआत के साथ ही हिमाचल प्रदेश के लोगों को उमस से भी जूझना पड़ रहा है. तापमान में थोड़ी गिरावट आई है, लेकिन दोपहर के वक्त अब भी तापमान ज्यादा होने के कारण लोग उमस से परेशान हैं. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, विभिन्न जिलों में तापमान निम्नलिखित रहा: चंबा में 24.8 डिग्री, धर्मशाला में 29.6 डिग्री, कांगड़ा में 34.0 डिग्री, मनाली में 28.7 डिग्री, हमीरपुर में 33.6 डिग्री, मंडी में 33.8 डिग्री, ऊना में 36.0 डिग्री, बिलासपुर में 36.3 डिग्री, सुंदरनगर में 34.2 डिग्री, शिमला में 24.6 डिग्री, मशोबरा में 26.7 डिग्री, कुफरी में 21.1 डिग्री, नारकंडा में 22.6 डिग्री, रिकांगपिओ में 32.6 डिग्री, नाहन में 30.0 डिग्री और कल्पा में 28.1 डिग्री.

मौसम विभाग का अलर्ट

आपको बता दें कि मौसम विभाग ने हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा, सोलन, मंडी, ऊना, कुल्लू, शिमला और चंबा के कुछ हिस्सों में आज भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. हालांकि, सिरमौर, किन्नौर और लाहौल स्पीति में बारिश का कोई अलर्ट नहीं है.

HIGHLIGHTS

  • बंगाल की खाड़ी में मानसून पड़ा कमजोर
  • हिमाचल प्रदेश में बारिश की कमी
  • मानसून का आगाज और रेनफॉल एक्टिविटी में गिरावट

Source : News Nation Bureau

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