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हिमाचल धर्मशाला में मिला पाकिस्तानी मोबाइल नेटवर्क सिग्नल, स्थानीय प्रशासन हरकत में

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला और कांगड़ा इलाके में ऊंची पहाड़ियों वाले क्षेत्र में पाकिस्तान का सिग्नल मिला है. बता दें कि कुछ दिनों पहले इन पहाड़ों पर चढ़ने वालों ट्रेकर्स के मोबाइल में अचानक पाकिस्तान के दूरसंचार कंपनी के सिग्नल पकड़ने लगा

Updated on: 16 Apr 2021, 05:25 PM

शिमला :

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला और कांगड़ा इलाके में ऊंची पहाड़ियों वाले क्षेत्र में पाकिस्तान का सिग्नल मिला है. बता दें कि कुछ दिनों पहले इन पहाड़ों पर चढ़ने वालों ट्रेकर्स के मोबाइल में अचानक पाकिस्तान के दूरसंचार कंपनी के सिग्नल पकड़ने लगा जिससे सुरक्षा एजेंसियों के बीच सतर्कता बढ़ गई है. ट्रेकर्स ने इसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन से की. जिसके बाद से स्थानीय प्रशासन भी हरका में है. बताते चलें कि समुद्र तल से लगभग 2,900 मीटर ऊपर स्थित करेरी झील के आसपास ट्रेकर्स द्वारा पाकिस्तान के कई अलग-अलग मोबाइल कंपनी के सिग्नल मिले हैं. संयोग से यह क्षेत्र भारतीय दूरसंचार ऑपरेटरों द्वारा कवर नहीं किया गया है और वहां आमतौर पर मोबाइल सिग्नल नहीं है. पिछले कुछ दिनों में, जिन लोगों ने झील की सैर की या वहां डेरा डाला, उनमें से कुछ ने पाकिस्तान से नेटवर्क सिग्नल का पता लगाया और स्थानीय पुलिस को सूचना दी.

कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक विमुक्त रंजन ने बताया कि पिछले हफ्ते हमें जानकारी मिली कि कुछ ट्रेकर्स ने अपने फोन पर पाकिस्तान से संकेतों का पता लगाया था और उनका समय मानक भी आईएसटी से बदलकर पीएसटी हो गया था. उन्होंने कहा कि इसकी तहकीकात करने के लिए दूरसंचार विभाग को सूचित कर दिया गया है. बता दें कि  करेरी झील के आसपास ट्रेकर्स के मोबाइल सिग्नल बदलने एक साथ-साथ भारतीय समय भी बदल गया. उनके मोबाइल में अचानक भारतीय समय मानक बदल कर पाकिस्तान स्टैण्डर्ड टाइम बताने लगा. इस स्थिति के गंभीरता को देखते हुए दूर संचार मंत्रालय को इसकी जानकारी दे दी गयी है. वैसे बता दें कि इस तरह की पाकिस्तान से मिलने वाले सिग्नल की घटना पहली बार नहीं हुआ है.

बता दें कि करेरी गावं जहां से करेरी झील शुरू होती है धर्मशाला से लगभग 26 किलोमीटर दूर है. कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक विमुक्त रंजन ने कहा कि केंद्रीय दूरसंचार विभाग (डीओटी) को आगे के कार्रवाई के लिए मामले की सूचना दे दी गई है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश पाकिस्तान से इसी तरह के सिग्नल 2018 में धर्मकोट और त्रियुंड (धर्मशाला क्षेत्र में एक और ट्रेकिंग स्पॉट) के पास से भी डिटेक्ट किया गया था. उन्होंने बताया हालाकिं इस बार नेटवर्क ऑपरेटर के नाम का पता नहीं लगाया जा सकता है.