'पापा ये लो पैसे और भेज दो सामान,' मंडी में आई आपदा पीड़ितों के लिए नन्हीं बच्ची ने तोड़ी गुल्लक

मानसून के दौरान देश के कई इलाकों में जोरदार बारिश और बादल फटने जैसे घटनाएं होती हैं. ऐसे ही हालात इन दिनों हिमाचल प्रदेश के मंडी में भी देखने को मिल रहे हैं. इस बीच एक नन्हीं बिटिया की कोशिश ने सबका दिल जीत लिया है.

मानसून के दौरान देश के कई इलाकों में जोरदार बारिश और बादल फटने जैसे घटनाएं होती हैं. ऐसे ही हालात इन दिनों हिमाचल प्रदेश के मंडी में भी देखने को मिल रहे हैं. इस बीच एक नन्हीं बिटिया की कोशिश ने सबका दिल जीत लिया है.

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Dheeraj Sharma
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little girl help in mandi disaster

कुदरत का जब कहर बरपाती है तो छोटा-बड़ा नहीं देखती है. हिमाचल प्रदेश के मंडी में इन दिनों कुदरत का ऐसा ही कहर देखने को मिल रहा है. बादल फटने और बाढ़ के बाद लोगों का जीना मुहाल हो गया है. बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं. वहीं कई लोगों की जान तक चली गई है. कहते हैं जब तक धरती पर इंसानियत जिंदा है तब तक ये धरती भी कायम है. आपदा के ऐसे वक्त पर एक ऐसा नजारा देखने को मिला जिसने हर किसी का दिल जीत लिया. दरअसल  सुंदरनगर उपमंडल के कपाही क्षेत्र की एक छोटी सी बच्ची ने ऐसा काम कर दिखाया है, जो बड़े-बड़े लोग भी नहीं कर पाते. इस बच्ची ने अपनी गुल्लक तोड़कर आपदा पीड़ितों की मदद की पेशकश की है. आइए जानते हैं पूरा मामला. 

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नन्हीं बिटिया ने जीता दिल

 दरअसल क्लास 6 कक्षा में पढ़ने वाली मोक्षथिका का दिल आपदा पीड़ितों के लिए इस कदर पसीजा कि उसने अपनी गुल्लक तक को तोड़ डाला. यही नहीं मोक्षथिका ने अपने पापा से गुल्लक में से निकले 1660 रुपए दिए और कहा पापा जाओ इन पैसों से पीड़ितों को सामान भिजवा दो.  यह सुनकर उसके माता-पिता की आंखें नम हो गईं. 

माता-पिता भी आए आगे

मोक्षथिका ने न केवल अपने हिस्से का योगदान दिया, बल्कि यह भी कहा कि मम्मी-पापा भी थोड़ा-थोड़ा सहयोग करें ताकि मिलकर पीड़ितों की और अधिक मदद की जा सके.  इस सोच से प्रेरित होकर उसके माता-पिता ने ठान लिया कि वह इस नेक कार्य को और बड़े स्तर पर आगे बढ़ाएंगे. 

स्कूल स्टाफ की बैठक और राहत किट तैयार

मोक्षथिका के पिता कर्म सिंह ठाकुर, जो खुद एक निजी स्कूल के संचालक हैं, उन्होंने स्कूल के स्टाफ के साथ एक बैठक बुलाई और बेटी की सोच सभी के सामने रखी. इस भावना से प्रेरित होकर स्कूल स्टाफ और अभिभावकों के सहयोग से 100 राहत किट तैयार की गईं, जिनमें राशन, कपड़े और जरूरी घरेलू सामान शामिल था.

राहत किट तैयार करने में न केवल माता-पिता ने बल्कि स्कूल की पूरी टीम ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. यह एकजुटता यह साबित करती है कि एक छोटी सी पहल भी बड़े बदलाव की शुरुआत हो सकती है.

थुनाग में राहत सामग्री पहुंचाई गई

बता दें कि रविवार देर शाम स्कूल अध्यक्ष हरि सिंह ठाकुर के नेतृत्व में राहत दल थुनाग पहुंचा.  इस राहत कार्य में प्राचार्य वीरेंद्र भारती, स्कूल के संस्थापक सदस्य कर्म सिंह ठाकुर, पूर्व प्रधानाचार्य रुकमणि ठाकुर, एसएमसी अध्यक्ष बनिता, अध्यापिकाएं मंजू वर्मा, कुसुम ठाकुर, लकी ठाकुर सहित अन्य स्टाफ सदस्य शामिल रहे. 

बस ड्राइवर जयलाल ठाकुर और अन्य सहयोगियों ने राहत सामग्री को समय पर आपदा प्रभावित क्षेत्र तक पहुंचाया, जहां इसे जरूरतमंदों को वितरित किया गया. 

छोटी उम्र में बड़ी इंसानियत

मोक्षथिका का यह छोटा सा कदम हजारों दिलों को छू गया. उसने यह साबित किया कि मदद करने के लिए उम्र नहीं, बस जज़्बा होना चाहिए. उसकी सोच और परिवार का समर्पण समाज के लिए एक प्रेरणा है, जो बताता है कि अगर भावना सच्ची हो, तो हर प्रयास मायने रखता है.

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