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हिमाचल महिला आयोग ने कंगना मामले में लिया संज्ञान

हिमाचल प्रदेश में कंगना रनौत के समर्थन में भारतीय जनता पार्टी ने जगह-जगह महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए, पुतले फूंके, नारेबाजी की.

Updated on: 11 Sep 2020, 11:13 AM

शिमला:

कंगना रनौत मामले में हिमाचल महिला आयोग ने स्वयं संज्ञान लिया है. आयोग की सदस्य सचिव ने महाराष्ट्र सरकार की इस हरकत पर राष्ट्रीय महिला आयोग और महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की सदस्य सचिव को पत्र लिखकर मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है. साथ ही कार्रवाई के लिए एक्शन टेकन रिपोर्ट की एक कॉपी भी दी है. वहीं, प्रदेश भर में कंगना रनौत के समर्थन में भारतीय जनता पार्टी ने जगह-जगह महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए, पुतले फूंके, नारेबाजी की. 

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Himachal Pradesh State Commission for Women has taken suo-moto cognizance from media reports about incidents of harassment of Actor Kangana Ranaut at the hands of officials of Brihanmumbai Municipal Corporation (BMC), Mumbai Police and various political leaders. (10/9) pic.twitter.com/iG1lS5YbAE

— ANI (@ANI) September 11, 2020

महाराष्ट्र सरकार और कंगना रनौत के विवाद में बीएमसी ने उनके दफ्तर में तोड़फोड दिया. बीएमसी ने कंगना के ऑफिस की बालकनी समेत कई हिस्सों को तोड़ दिया गया. कंगना रनौत जब 9 सितम्बर को मनाली से मुंबई वापसी की तो दफ्तर में मलबा मिला. वहीं, बीएमसी की तोड़फोड़ के बाद उन्होंने गुरूवार को जाकर इसका जायजा लिया. वहीं, बीएमसी की तोड़फोड़ को बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर रोका गया था.

कंगना रनौत ने ऑफिस का जाएजा लेने के बाद कहा, मेरे पास दफ्तर को दोबारा बनवाने के पैसे नहीं हैं. मैं अपने टूटे हुए ऑफिस से ही काम करूंगी. उन्होंने ने ट्वीट किया और लिखा- मैं मेरे ऑफिस को 15 जनवरी को खोला था. इसके थोड़े टाइम बाद कोरोना आ गया. बाकी कई लोगों की तरह मैंने भी तब से काम नहीं किया है. मेरे पास ऑफिस को दोबारा बनवाने के पैसे नहीं हैं. मैं अपने टूटे हुए ऑफिस से ही काम करूंगी और उसको ऐसे ही इस बात की निशानी बनाकर रखूंगी कि एक औरत ने दुनिया से टकराने का साहस दिखाया था.