Himachal Pradesh cloudburst: हिमाचल में बादलफाड़ तबाही ने कोहराम मचा दिया है. . चारो ओर बर्बादी पसरी हुई है. सैलाब के बीच जिंदगियों की तलाश जारी है. इसी बीच एक और दुखद खबर सामने आ रही है. हाल ही में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 तक पहुंच गई है. वहीं 30 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं. फिलहाल शासन-प्रशासन मिलकर बचाव और राहत अभियान चला रही है.
गौरतलब है कि, कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर इलाके अचानक बाढ़ की चपेट में आने से डूब गए. सबसे बुरी मार रामपुर उपमंडल के समेज गांव पर पड़ी, जहां करीब 25 लोग लापता हो गए.
बता दें कि, मंडी के राजभान गांव से नौ शव, कुल्लू जिले के निरमंड और बागीपुल से तीन और शिमला जिले के समेज और धडकोल, ब्रो और सुन्नी बांध के आसपास के इलाकों से 10 शव बरामद किए गए हैं.
अब तक 22 शवों में से 12 की पहचान हो चुकी है और शवों की पहचान के लिए अन्य के डीएनए नमूने लिए जा रहे हैं.
100 से ज्यादा सड़कें बंद
वहीं हिमाचल में लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन हुआ है, जिसके चलते हिमाचल प्रदेश में 100 से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, मंडी में 37, शिमला में 29, कुल्लू में 26, कांगड़ा में छह, किन्नौर और लाहौल और स्पीति में चार-चार, सिरमौर में दो और हमीरपुर में एक सहित कुल 109 सड़कें बंद हैं, जबकि 58 ट्रांसफार्मर और 15 जलापूर्ति योजनाएं बंद हैं.
जांच और बचाव अभियान तेज
गौरतलब है कि, सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, हिमाचल प्रदेश पुलिस और होम गार्ड की टीमों के 650 से अधिक बचावकर्मी खोज, बचाव और राहत अभियान में शामिल हैं. बचावकर्ताओं ने अधिक मशीनरी, खोजी कुत्ते दस्ते, ड्रोन और अन्य उपकरणों को तैनात करके खोज अभियान तेज कर दिया है.