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हिमाचल प्रदेश: राज्यसभा चुनाव में बड़ा उलटफेर, कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी ने मानी हार

हिमाचल प्रदेश में सुखबिंदर सिंह सुक्खू की सरकार अल्पमत में आ गई है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम रमेश ने सुक्खू से इस्तीफे की मांग कर दी है. 

Updated on: 28 Feb 2024, 06:02 AM

नई दिल्ली:

हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में बड़ा खेला हो गया. कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. बीजेपी और कांग्रेस को बराबर वोट मिले हैं. पर्ची से हुए फैसले में हर्ष महाजन चुनाव जीत गए. हर्ष महाजन की जीत के बाद कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी ने हार मान ली. सिंघवी ने हर्ष महाजन को बधाई देते हुए कहा कि मैं अपनी हार स्वीकार करता हूं. बता दें कि दोनों दलों को  34-34 वोट मिले थे. दोनों दलों को बराबर वोट मिलने से पर्ची के जरिए फैसला कराया गया. जिसमें हर्ष महाजन ने जीत दर्ज की. हिमाचल प्रदेश से चुनाव लड़ाने के लिए अभिषेक मनु सिंघवी ने केंद्रीय नेतृत्व का धन्यवाद किया. सिंघवी ने कहा कि 9 विधायकों का बदलना दुर्भाग्यपूर्ण है. भीतरघात की वजह से मेरी हार हुई है. प्रस्तावक ने वोट नहीं दिए. 

कांग्रेस से सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी मैदान में हैं. वहीं, हर्ष महाजन बीजेपी से उम्मीदवार हैं. कांग्रेस के 40 विधायक हैं. जबकि वोट 34 ही पड़े हैं. यानी क्रॉस वोटिंग से कांग्रेस के पक्ष में कम वोट पड़े हैं, जबकि बीजेपी के पक्ष में 34 वोट पड़े हैं. बीजेपी के पास 25 विधायक हैं, तीन निर्दलीय विधायकों और 6 कांग्रेस विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में वोट किए हैं. इससे हिमाचल प्रदेश में सुखबिंदर सिंह सुक्खू की सरकार अल्पमत में आ गई है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम रमेश ने सुक्खू से इस्तीफे की मांग कर दी है. 

ये लोकतंत्र की हत्या- सीएम सुक्खू

प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मुख्यमंत्री सुखबिंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कुछ विधायकों ने अपना ईमान बेच दिया. अब ईमान बेचने वालों के बारे में क्या कहा जाए. सीएम सुक्खू ने कहा कि हमारे विधायकों को हरियाणा पुलिस और सीआरएफ़ के साथ एस्कॉर्ट कर के किडनैप किया गया है. ये लोकतंत्र की हत्या है.