Himachal Politics: मुख्य सचिव की रिटायरमेंट पार्टी पर बवाल, 1 लाख 22 हजार का आया बिल, अब कौन करेगा भुगतान

Himachal Politics: विपक्ष का यह भी कहना है कि एक तरफ सरकार आर्थिक तंगी का रोना रोती है, वहीं इस तरह की घटनाएं जनता के साथ धोखा है. यह पहला मौका नहीं है जब हिमाचल में सरकारी खर्च पर खाने-पीने को लेकर विवाद हुआ हो.

Himachal Politics: विपक्ष का यह भी कहना है कि एक तरफ सरकार आर्थिक तंगी का रोना रोती है, वहीं इस तरह की घटनाएं जनता के साथ धोखा है. यह पहला मौका नहीं है जब हिमाचल में सरकारी खर्च पर खाने-पीने को लेकर विवाद हुआ हो.

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Yashodhan.Sharma
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Himachal News: हिमाचल प्रदेश में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की रिटायरमेंट पार्टी पर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को घेरा है और कहा है कि जब सरकार के शीर्ष अधिकारी खुद फिजूलखर्ची करेंगे, तो बाकी अफसर पीछे क्यों रहेंगे.

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दरअसल, 14 मार्च को प्रबोध सक्सेना ने शिमला के एक सरकारी होटल "हॉलिडे होम" में अधिकारियों के लिए एक भव्य पार्टी का आयोजन किया. यह पार्टी "होली मिलन" के नाम पर आयोजित की गई थी, लेकिन बाद में इसे मुख्य सचिव की रिटायरमेंट पार्टी बताया गया. इस पार्टी का कुल बिल करीब 1,22,000 रुपये का बना, जिसे सरकार को थमा दिया गया.

इस पार्टी में 75 अधिकारियों और उनके परिवारों के लिए लंच और स्नैक्स की व्यवस्था की गई थी. इसके अलावा 22 ड्राइवरों के लिए भी भोजन रखा गया था. अधिकारियों की थाली की कीमत ₹1000 और ड्राइवरों की थाली ₹585 बताई गई. इसके अलावा टैक्सी भाड़ा और जीएसटी जोड़कर पूरा बिल ₹1.22 लाख का हो गया. चौंकाने वाली बात यह है कि बिल का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है और हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम तथा सामान्य प्रशासन विभाग आमने-सामने आ गए हैं. 

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