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हिमाचल: क्या 2024 लोकसभा चुनाव कांग्रेस का लक्ष्य, जानें राजपूत चेहरे के पीछे का गणित

हिमाचल में कांग्रेस ने राजपूत चेहरे को प्रदेश की कमान सौंपी है. सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीएम बनाया गया है. वहीं ब्राह्मण चेहरे मुकेश अग्निहोत्री को डिप्टी सीएम बनाया है.

Updated on: 11 Dec 2022, 12:00 AM

highlights

  • ब्राह्मण चेहरे मुकेश अग्निहोत्री को डिप्टी सीएम बनाया है
  • सीएम के तौर ठाकुरों को सबसे ज्यादा मौका दिया
  • 51 फीसदी सवर्ण हैं, इनमें 33 प्रतिशत आबादी राजपूतों की है

नई दिल्ली:

हिमाचल में कांग्रेस ने राजपूत चेहरे को प्रदेश की कमान सौंपी है. सुखविंदर सिंह सुक्खू को सीएम बनाया गया है. वहीं ब्राह्मण चेहरे मुकेश अग्निहोत्री को डिप्टी सीएम बनाया है. हिमाचल का इतिहास उठाकर देखें को प्रदेश के सीएम के तौर ठाकुरों को सबसे ज्यादा मौका दिया गया है. हिमाचल में शांता कुमार एकलौते ब्राह्मण सीएम थे जो दो बार प्रदेश के सीएम बने. गौरतलब है कि हिमाचल में ठाकुर और ब्राह्मण मतदाताओं की बड़ी आबादी है. हिमाचल में कुल 68 सीटें हैं, इसमें 17 सीटें एससी और एसटी के लिए रिजर्व थीं. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने बराबर ऐसे उम्मीदवार उतारे जो या तो ब्राह्मण थे या ठाकुर. करीब 28 सीटों पर इन्हीं का दबदबा था. हिमाचल में 70 लाख की जनसंख्या में 51 फीसदी सवर्ण हैं. इनमें 33 प्रतिशत आबादी राजपूतों की है, वहीं 18 फीसदी आबादी ब्राह्मणों की है. 

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राज्य में सवर्ण की आबादी सबसे अधिक है. ऐसे में कांग्रेस राजपूत चेहरे को सीएम के रूप में चुना. 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए हिमाचल के राजपूतों को इस तरह से साधने की कोशिश की गई है. पूर्व सीएम की पत्नी प्रतिभा सिंह भी राजपूत हैं. उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग हो रही थी. मगर सुक्खू को सीएम बनाया गया. इसे लेकर पार्टी को ज्यादा विरोध नहीं झेलना पड़ा. अगर राजपूत चेहरे के बजाय, ब्राह्मण समुदाय से किसी को सीएम बनाया जाता तो पार्टी के अंदर विरोध ज्यादा होता. 

1990 में भाजपा की ओर से शांता कुमार दो बार मुख्यमंत्री बने. मगर दोनों बार वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. 1990 में बाबरी विध्वंस के बाद उनकी सरकार बर्खास्त हो गई. इसके बाद 1993 में कांग्रेस सत्ता में आई. वीरभद्र सिंह सीएम बने.  1998 में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनी. प्रेम कुमार धुमल को सीएम बनाया गया. हिमाचल में 2003 में दोबारा सरकार कांग्रेस की बनी. प्रेम कुमार धुमल सीएम बने. 2008 में दोबारा राजपूत चेहरे प्रेम कुमार धुमल को सीएम बनाया गया. 2012 में कांग्रेस की  ओर से वीरभद्र सिंह फिर से सीएम बने. 2017 में प्रेमकुमार धूमल अपनी ही सीट से चुनाव हार गए. इसके बाद जयराम ठाकुर को सीएम बनाया गया. इस बार कांग्रेस ने फिर  से राजपूत चेहरे सुखविंदर सिंह सुक्खू को मौका दिया. देखा जाए तो कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति बनाई है. इस तरह से प्रदेश में लोकसभा सीट  पर कांग्रेस अपनी मजबूत बना सकेगी.