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Himachal Pradesh में बागियों को लेकर स्पीकर ने फैसले को सुरक्षित रखा, सुक्खू बोले- विक्रमादित्य मेरे छोटे भाई

Sukhvinder Singh Sukhu: राज्यसभा चुनाव में हिमाचल की एक सीट के लिए हुए मतदान में राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद सीएम सुक्खू की कुर्सी पर भी खतरा मंडराने लगा है.

Updated on: 28 Feb 2024, 10:21 PM

highlights

  • हिमाचल की सुक्खू सरकार पर मंडराया खतरा
  • राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद बढ़ी तल्खी
  • बीजेपी ने की सुक्खू सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग

नई दिल्ली:

Sukhvinder Singh Sukhu: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है. दरअसल, राज्यसभा चुनाव में हिमाचल में हुई क्रॉस वोटिंग के चलते कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद कांग्रेस एक्शन मोड में आ गई है और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को बदलने की मूड में नजर आ रही है. मंगलवार को ही सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी. हालांकि अंतिम फैसला कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के वरिष्‍ठ नेता राहुल गांधी के हाथ में है. उधर बीजेपी ने भी हिमाचल के बजट से पहले सदन में सुक्खू सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग की है. जिसके चलते माना जा रहा है कि सुक्खू की कुर्सी खतरे में पड़ गई है.

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कांग्रेस के छह विधायकों ने बदला पाला

बता दें कि हिमाचल प्रदेश के राज्‍यसभा चुनाव में कांग्रेस के छह विधायकों के क्रॉस वोटिंग कर कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा दी. जिसके चलते कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा.  उसके बाद कांग्रेस आलाकमान भी एक्शन में आ गई. हिमाचल में पार्टी में दरात पड़ने की संभावना को देखते हुए राज्य के लिए दो ऑब्‍जर्वर डीके शिवकुमार और भुपेंद्र सिंह हुड्डा को नियुक्त किया गया. दोनों नेता आज यानी बुधवार शिमला जा रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि ऑब्‍जर्वर शिमला पहुंचकर पार्टी के सभी विधायकों से बात करेंगे. साथ ही उनकी नाराजगी दूर की भी कोशिश करेंगे.

अभिषेक मनु सिंघवी को करना पड़ा हार का सामना

हिमाचल प्रदेश राज्‍यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा. जबकि बीजेपी उम्‍मीदवार हर्ष महाजन ने जीत दर्ज की. सत्तारूढ़ कांग्रेस को इस चुनाव में हार का समना करना पड़ेगा इसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी. कांग्रेस के छह विधायक और सत्‍तारुड़ी पार्टी का समर्थन करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट डाला. जिससे कांग्रेस को हार और बीजेपी को जीत मिली.

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सुक्‍खू के खिलाफ लाया जा सकता है अविश्‍वास प्रस्‍ताव

राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद बीजेपी ने सुक्खू सरकार के फ्लोर टेस्ट की मांग की है. क्योंकि चुनाव में कांग्रेस विधायकों के विपक्षी पार्टी को वोट करने की वजह सीएम सुक्खू पर विधायकों का विश्वास खोना माना जा रहा है. जिसने विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के लिए मंच तैयार कर दिया है. अधिकारियों के मुताबिक, मुकाबला 34-34 मतों से बराबरी पर रहा था लेकिन उसके बाद महाजन को 'ड्रॉ' के जरिए विजेता घोषित किया गया. यह निश्चित तौर पर कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है. बता दें कि 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं. जबकि बीजेपी के पास 25 विधायकों की ताकत है. वहीं तीन विधायक निर्दलीय भी हैं.

calenderIcon 18:44 (IST)
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हमारी सरकार 5 साल पूरे करेगीः सुक्खू 

हिमाचल के सीएम सुक्खू ने कहा कि हम तो सबको माफ करने वाले लोग हैं, हम बदले की भावना से काम नहीं करते.सभी हमारे छोटे भाई हैं. हमारी सरकार 5 साल पूरे करेगी.

calenderIcon 18:02 (IST)
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CM का विशेषाधिकार है.. मैं दबाव नहीं लेता

यह पूछे जाने पर कि उनका इस्तीफा स्वीकार क्यों नहीं किया गया. कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह कहते हैं, "यह सीएम का विशेषाधिकार है... मैं दबाव नहीं लेता. मैं दबाव देता हूं..."


calenderIcon 18:00 (IST)
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CM सुक्खू ने शिमला में तारा देवी मंदिर का दौरा किया 

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में तारा देवी मंदिर का दौरा किया.


calenderIcon 12:58 (IST)
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विधानसभा में बिगड़ी विधायकों की तबियत

Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश विधानसभा से निष्कासित किए गए विधायक धरने पर बैठ गए. उसके बाद उन्हें जबरदस्ती हटाने के लिए मार्शल को बुलाया गया. इस दौरान कुछ विधायकों की तबियत बिगड़ने की खबर सामने आई हैं. इसके बाद विधायक विपिन परमार ने डॉक्टर बुलाने की मांग की.

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हिमाचल सरकार के संकट पर क्या बोले केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर

Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश में मची राजनीतिक उथल-पुथल के बीच केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बड़े-बड़े और झूठे-झूठे वायदे कर कांग्रेस की सरकार बनी. सरकार बनने का बाद वायदे पूरे नहीं हुआ. जब कांग्रेस के विधायक क्षेत्र में जाते थे तो जनता पूछती थी कि 1500 रुपये हर महीना महिला को मिलना था, दो रुपये किलो गोबर खरीदेंगे, 100 रुपये किलो दूध खरीदेंगे. तो उनके पास कोई जवाब नहीं था. 


calenderIcon 11:39 (IST)
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विक्रमादित्य सिंह ने सरकार पर लगाया आरोप

Himachal Pradesh Political Crisis: कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, "मैंने हमेशा नेतृत्व और सीएम का सम्मान किया है और उचित अनुशासन के साथ सरकार चलाने में योगदान दिया है. मैं आज खुद की सराहना नहीं कर रहा हूं, लेकिन मैं आपको 100% विश्वास के साथ बता सकता हूं कि पिछले एक साल में एक मंत्री के रूप में कांग्रेस सरकार, हमने अपनी पूरी ताकत से सरकार का समर्थन किया है. कैबिनेट मंत्री के रूप में मेरे कामकाज में कुछ हलकों से मुझे अपमानित करने की कोशिश की गई. मैं सीएम का सम्मान करता हूं लेकिन मंत्रिपरिषद के बीच समन्वय होना चाहिए. यह विश्वास का उल्लंघन है, कुछ ऐसा जिसके कारण हम आज वहां खड़े हैं."


calenderIcon 11:13 (IST)
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पार्टी छोड़ने के सवाल पर क्या बोले विक्रमादित्य सिंह

Himacha Politics Crisit: मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद विक्रमादित्य सिंह से पार्टी में बने रहने के सवाल पर कहा कि, ''मैं जहां हूं, वहीं रहूंगा. आने वाले समय में मैं अपने लोगों, समर्थकों और शुभचिंतकों के साथ विचार-विमर्श करूंगा. विचार-विमर्श के बाद हम आगे की कार्रवाई करेंगे."


calenderIcon 11:10 (IST)
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इस्तीफे पर क्या बोले विक्रमादित्य सिंह

Himachal Politics Crisis: विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मैंने ये बात साफ की है कि जो वास्तविक परिस्थितियां है उसके बारे में पार्टी हाईकमान को सूचित कर दिया है. उन्होंने कहा कि जैसा आने वाले समय में जो होगा वह पार्टी हाईकमान और राज्य की जनता तय करेगी. उन्होंने अपने इस्तीफे पर कहा कि जो परिस्थितियां आज प्रदेश में बनी हैं उसके चलते मैंने इस्तीफा दिया है. और मैंने इसके लिए पार्टी हाईकमान को सूचित कर दिया है.


calenderIcon 11:06 (IST)
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Himachal Political Crisis

हिमाचल प्रदेश के राज्यसभा चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग वाली बगावत अब खुलकर सामने आने लगी है. इसी बीच विक्रमादित्य सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दिया है. विक्रमादित्य सिंह हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री थे, लेकिन अब उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं इस सरकार में नहीं रहूंगा. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि हम चाहेंगे कि सरकार हर हाल में बची रहे..