हिमाचल प्रदेश: बादल फटने से बारिश और बाढ़ का कहर, मलाणा में भयंकर हादसा, कई लोग लापता

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मलाणा क्षेत्र में बादल फटने के कारण भारी बारिश और बाढ़ की वजह से भयंकर हादसा हो गया है. इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई है और लगभग 50 लोग लापता बताए जा रहे हैं. गौरतलब है कि, मलाणा में स्थित जल विद्युत परियोजना में भी बाढ़ के कारण दरार आ गई है, जिससे एक बैराज टूट गया है. ---इससे निकलने वाले पानी ने क्षेत्र में हाहाकार मचा दिया है.

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मलाणा क्षेत्र में बादल फटने के कारण भारी बारिश और बाढ़ की वजह से भयंकर हादसा हो गया है. इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई है और लगभग 50 लोग लापता बताए जा रहे हैं. गौरतलब है कि, मलाणा में स्थित जल विद्युत परियोजना में भी बाढ़ के कारण दरार आ गई है, जिससे एक बैराज टूट गया है. ---इससे निकलने वाले पानी ने क्षेत्र में हाहाकार मचा दिया है.

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Sourabh Dubey
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Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मलाणा क्षेत्र में बादल फटने के कारण भारी बारिश और बाढ़ की वजह से भयंकर हादसा हो गया है. इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई है और लगभग 50 लोग लापता  बताए जा रहे हैं. गौरतलब है कि, मलाणा में स्थित जल विद्युत परियोजना में भी बाढ़ के कारण दरार आ गई है, जिससे एक बैराज टूट गया है. ---इससे निकलने वाले पानी ने क्षेत्र में हाहाकार मचा दिया है. 

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फिलहाल स्थानीय प्रशासन ने दुर्घटना स्थल पर राहत और बचाव कार्यात्मक अभियान की शुरुआत कर दी है. स्थानीय लोगों के बचाव के लिए सेना और एनडीआरएफ की टीमें भी मौके पर मौजूद हैं. दुर्घटना के बाद स्थिति काबू में लाने के लिए सरकारी अधिकारियों ने सक्रिय प्रयास शुरू किए हैं और प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुंचाने के लिए काम किया जा रहा है. 

अधिकारियों ने क्या कहा..

कुल्लू के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) तोरुल एस रवीश ने एक बयान में दरार की पुष्टि की, और कहा कि पानी कम हो गया है और स्थिति नियंत्रण में है. 

गौरतलब है कि, हिमाचल सरकार ने मानसून से पहले कहा था कि, पिछले साल की तबाही के बाद मानसून से पैदा होने वाली आपदाओं से निपटने के लिए आवश्यक अधिकांश तैयारियां कर ली गई थीं, हालांकि राज्य भर के बांधों पर प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित करने का काम अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है. परिणामस्वरूप बाँध के ओवरफ्लो होने से पानी नीचे की ओर बहने लगा, जिससे घाटी में तबाही मच गई. 

20 लोगों को किया रेस्क्यू

इससे पहले मलाणा परियोजना की भूमिगत इमारतों में लोगों के फंसे होने की सूचना मिली थी. डीसी ने कहा था कि फंसे हुए लोग सुरक्षित हैं और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और होम गार्ड की टीमें उन्हें बचाने के प्रयास कर रही हैं. 

एनडीआरएफ की एक टीम ने घंटों चले बचाव अभियान के बाद मलाणा के नीचे स्थित गांव जरी में फंसे लगभग 20 लोगों को रेस्क्यू किया था. 

      
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