रशिया दूल्हा और यूक्रेन की दुल्हन ने देवभूमि में लिए सात फेरे
रूस और यूक्रेन के बीच आज भले ही नफरत की आग धधक रही हो और दोनों देशों के हजारों परिवार अपनों को चल रहे खूनी खेल में खत्म होते हुए देख रहे हों.
highlights
- रशिया-यूक्रेन दो दुश्मन देश, भारतीय रिति-रिवाज संग बनें संबंधी
- सनातन भारतीय परपंरा का विश्व शांति में एक बार फिर अहम योगदान
धर्मशाला:
रूस और यूक्रेन के बीच आज भले ही नफरत की आग धधक रही हो और दोनों देशों के हजारों परिवार अपनों को चल रहे खूनी खेल में खत्म होते हुए देख रहे हों. वहीं दूसरी ओर इन्हीं दो देशों की प्यार में पड़ी दो आत्माएं रूस और और यूक्रेन से हजारों मीलों दूर भारत की देवभूमि धर्मशाला में अपने-अपने राष्ट्रों की सियासी नफरत और दुश्मनी को हाशिये पर रखकर प्यार की पींगे डालकर नई जिंदगी की शुरुआत का लुत्फ ले रही हैं.
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जी हां, ये सच है और ये वाकया दरअसल कुछ इस कदर है कि मूल रूप से रूस के रहने वाले एक युवक ने यूक्रेन निवासी एक युवती को दुल्हन के रूप में स्वीकार किया है. हैरत ये है कि इन्होंने ये पाक पवित्र बंधन उन राष्ट्रों की सरजमीं पर नहीं बांधा जो खुद को ह्यूमन राइटस सेविंग का ढकौंसला पीटते नहीं थकते, बल्कि उस राष्ट्र भारत की पवित्र देवभूमि में लिया है जो दुनिया को सनातन संस्कृति से ओतप्रोत करवाती है, मानवता को सबसे पहले बचाने का संदेश देती है.
शायद यही वजह है कि आपस में इन दो दुश्मन देशों के दो इंसानों ने भारत की ही सरजमीं को अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए चुनना मुनासिब समझा. काबिलेगौर है कि धर्मशाला के खनियारा की पहाड़ियों पर बसे एक मंदिर में इस प्रेमी जोड़े ने जहां हिंदू रीति रिवाजों के मुताबिक विवाह किया तो वहीं पुरोहितों ने भी इनसे बाकायदा लग्न, मुहूर्त और उचित तिथि का गहन अध्यन्न करने के बाद वेद और मंत्रोच्चारण के साथ सात फेरे भी लगवाए. ऐसे में एक बार फिर से सनातन भारतीय परम्परा का विश्व शांति में अहम योगदान देखने को मिला.
जहां रूस और यूक्रेन दोनों ही देश वर्तमान समय में भयंकर युद्ध लड़ रहे हैं, जिसमें लगातार शय व मात देने का खेल चल रहा है तो वहीं पिछले कुछ वर्षों का प्यार अब हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला खनियारा के नारायण मंदिर दिव्य आश्रम खड़ौता में परवान चढ़ा है. दिव्य आश्रम खड़ौता व क्षेत्र के प्रसिद्ध पंडित संदीप शर्मा के सानिध्य में विवाह हुआ, जबकि विनोद शर्मा व उनके परिवार ने कन्यादान कर सभी वैवाहिक कार्यक्रम को पूर्ण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
मूल रूप से रूस निवासी जिन्होंने अब इजरायल की राष्ट्रीयता ग्रहण कर ली है, सिरगी नोविका व यूक्रेन की रहने वाली एलोना ब्रामोका की भारतीय हिंदू रीति-रिवाजों व परम्पराओं के साथ शादी हुई. मौजूदा समय में पर्यटन नगरी धर्मशाला-मकलोड़गंज के धर्मकोट में रहने वाले विदेशी मेहमान भारतीय परंपरा के सभी रिति-रिवाजों को निभाते हुए नजर आए, जिसमें भारतीय संस्कृति की भेषभूषा में ही दूल्हा-दुल्हन ने सात फेरे लिए और सभी रस्में निभाईं. बैंड बाजा बारात के लिए लग्न व वेद सजाई गई, जिसमें पंडित रमन शर्मा ने मंत्रोच्चारण के साथ विवाह की सभी रस्में व रीति-रिवाज करवाए. इसमें शर्तों को दूल्हा-दुल्हन ने बहुत बेहतर बताया.
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इसके बाद विवाह समारोह में शामिल होने वाले लोगों के लिए कांगड़ी धाम का भी आयोजन किया गया. इस दौरान नारायण मंदिर दिव्य आश्रम खड़ौता में नवविवाहित जोड़े ने आशीर्वाद प्राप्त किया. साथ ही लोक वाद्ययंत्र विन बाजे में दूल्हा-दुल्हन संग सभी मौजूद लोगों ने गद्दीयाली गीतों में नाटी भी डाली.
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