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Ramit Khattar
हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले कांग्रेस का परिवार बढ़ता नजर आ रहा है. चुनाव से पहले हरियाणा के पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के भतीजे रमित खट्टर ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. हरियाणा यूथ कांग्रेस ने इसकी पुष्टि की है. रमित खट्टर ने रोहतक विधायक भारत भूषण बत्रा की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की.
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यूथ कांग्रेस ने क्या कहा
खट्टर के कांग्रेस में शामिल होने पर हरियाणा यूथ कांग्रेस ने एक्स पर जानकारी दी. उन्होंने एक्स पर लिखा कि मनोहर लाल खट्टर के भतीजे रमित खट्टर ने आज कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली है. कांग्रेस पार्टी से गर्मजोशी ने उनका स्वागत किया. रमित केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के भाई जगदीश खट्टर के बेटे हैं.
श्री मनोहर लाल खट्टर जी के भतीजे श्री रमित खट्टर ने आज कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।कांग्रेस पार्टी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।#इबकै_कांग्रेस#BreakingNews#ShriRamitKhattar#BreakingNewspic.twitter.com/svPVlPXuJA
— Haryana Youth Congress (@Haryana_YC) September 19, 2024
भाजपा-कांग्रेस सत्ता के लिए लगा रही जोर
हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर जबरदस्त मुकाबला है. एक तरफ भाजपा है, जो लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी करने की कोशिश में लगी है. वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस है, जो 10 साल के सियासी वनवास के बाद फिर से सरकार बनाने की जुगत में लगी है. भाजपा-कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला है. हालांकि, दोनों पार्टियों के बीच आम आदमी पार्टी भी अपने लिए जमीन तलाशने में लगी है.
आम आदमी पार्टी के साथ होना था कांग्रेस का गठबंधन
बता दें, चर्चाएं थीं कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी साथ मिलकर हरियाणा में चुनाव लड़ेंगे. दोनों पार्टियों के आला नेताओं ने इसके लिए बैठकें भी की. हालांकि, दोनों दल सीट शेयरिंग को लेकर एक राय नहीं हो पाए और गठबंधन होते-होते रह गया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आप 10 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी पर कांग्रेस उसे महज पांच सीट ही दे रही थी.
2019 में ऐसा था सीटों का गणित
हरियाणा में 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में कड़ा मुकाबला देखने को मिला था. भाजपा पिछली बार 40 सीटें जीत पाई थी. जबकि, बहुमत का आंकड़ा 45 है. कांग्रेस ने महज 31 सीटें जीतीं थीं. सरकार बनाने के लिए भाजपा ने दुष्यंत चौटाला की जजपा के साथ गठबंधन किया. 10 विधायकों वाली जजपा सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गई. हालांकि, भाजपा इस बार सत्ता विरोधी लहर और अंदरूनी कलह से जूझ रही है.