Gurugram: राजधानी दिल्ली और जयपुर को जोड़ने वाले व्यस्त हाईवे पर स्थित एक्सिस बैंक के एक एटीएम से हाईटेक तरीके से 10 लाख रुपये से अधिक की नकदी चुरा ली गई। हैरानी की बात यह है कि चोरों ने एटीएम मशीन को कोई बाहरी नुकसान पहुंचाए बिना यह चोरी की। घटना ने सुरक्षा एजेंसियों और बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सुनियोजित योजना से अंजाम दी गई चोरी
घटना 30 अप्रैल की रात को ‘रिको ऑटो इंडस्ट्रीज’ के समीप स्थित एक्सिस बैंक के एटीएम बूथ में हुई। इस एटीएम का रखरखाव 'हिताची पेमेंट सर्विसेज' द्वारा किया जाता है, जिसके कर्मचारी गौरव कुमार बैसला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उनके अनुसार, अज्ञात चोरों ने पूरी योजना के तहत पहले एटीएम बूथ की वीडियो रिकॉर्डिंग प्रणाली को निष्क्रिय किया और उसके बाद मशीन का सिक्योरिटी सिस्टम हैक कर लिया।
चोर केवल नकदी ही नहीं, बल्कि एटीएम बूथ से डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR), बैटरी, हार्ड डिस्क, पीसी कोर और चेस्ट लॉक भी साथ ले गए। इससे स्पष्ट होता है कि वे किसी तकनीकी और अंदरूनी जानकारी से लैस थे।
तकनीकी उपकरणों का भी उठाया गया फायदा
पुलिस को आशंका है कि चोरों ने साइबर तकनीकों की मदद से एटीएम सिस्टम में सेंध लगाई। यह कोई आम चोरी नहीं, बल्कि एक सायबर-सक्षम संगठित अपराध का हिस्सा हो सकती है। खास बात यह रही कि मशीन को कोई भौतिक नुकसान नहीं हुआ, जिससे यह साबित होता है कि अपराधियों ने एटीएम का सॉफ़्टवेयर या हार्डवेयर सिस्टम बायपास किया।
जांच में जुटी पुलिस, तकनीकी टीम की मदद ली गई
सदर थाना पुलिस ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि तकनीकी विशेषज्ञों की सहायता से अपराधियों के तरीके और पहचान का पता लगाया जा रहा है। इसके साथ ही आस-पास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है।
साइबर सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
यह घटना न केवल बैंकिंग सेक्टर के लिए एक चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि परंपरागत सुरक्षा उपाय अब पर्याप्त नहीं रह गए हैं। एटीएम मशीनें, जो आमतौर पर लोहे की मजबूत अलमारियों और लॉकिंग सिस्टम से सुरक्षित रहती हैं, अब तकनीकी हैकिंग के आगे असहाय नजर आ रही हैं।
बैंकिंग सिस्टम को डिजिटल सुरक्षा की नई परिभाषा देनी होगी
इस घटना के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि बैंकों को अपने एटीएम नेटवर्क के डिजिटल सुरक्षा प्रोटोकॉल को और सुदृढ़ करना होगा। DVR और हार्ड डिस्क जैसी चीजों का चोरी होना यह भी दर्शाता है कि अपराधी अपने पीछे कोई सबूत नहीं छोड़ना चाहते थे।
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