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ramdev yoga Photograph: (social media)
स्वामी रामदेव महाराज के नेतृत्व में 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पतंजलि योगपीठ तथा हरियाणा योग आयोग, आयुष विभाग, हरियाणा के संयुक्त तत्वाधान में कुरुक्षेत्र में भव्य आयोजन हुआ. इस मौके पर स्वामी रामदेव महाराज, आचार्य बालकृष्ण महाराज तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ब्रह्मसरोवर, कुरुक्षेत्र की ऐतिहासिक भूमि पर योग साधकों संग योगाभ्यास किया.
इसी के साथ पतंजलि योग समिति के माध्यम से देश के समस्त 650 जिलों में कॉमन योग प्रोटोकॉल के तहत फ्री योग का प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान कुरुक्षेत्र की पावन धरती पर 1 लाख से ज्यादा योग साधकों ने एक-साथ योगाभ्यास कर नया कीर्तिमान स्थापित किया. कार्यक्रम में स्वामी महाराज ने मौजूद योग साधकों को योग व स्वदेशी का संकल्प दिलाया. इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम 'वन अर्थ, वन हेल्थ' थी.
दुनिया में अब 200 करोड़ से ज्यादा लोग योग कर रहे
इस अवसर पर स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि दुनिया में अब 200 करोड़ से ज्यादा लोग योग कर रहे हैं. योग अब युगधर्म बन गया है. उन्होंने कहा कि योग ही सनातन का सार है. योग अप्रतिम विद्या, योग हमारे संस्कारों, संस्कृति व प्रकृति में है. युगों-युगों से योग हमारे भीतर घटित हो रहा है. योग ही वन का सत्य है. योग ही मति, कृति, प्रकृति व संस्कृति का आधार है. संस्कृति मूलक समृद्धि का आधार योग ही है. विरासत मूलक विकास का नारा हमारे योगी योद्धा माननीय प्रधानमंत्री मोदी ने दिया है.
स्वामी ने कहा योगी योद्धा मोदी ने प्रत्येक ग्राम प्रधान को योग को प्रचारित करने को पत्र लिखा है. सरपंच व ग्रामप्रधान अब योग्य योगपंच व योगप्रधान बनें. प्रधानमंत्री जहां भी जाते हैं वहां योग व भारतीय संस्कति व सनातन की प्रतीक श्रीमद्भगवद्गीता भेंट करते हैं. देश में राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री गृहमंत्री व रक्षा मंत्री भी योगी हैं. इस दिन देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, गृहमंत्री, रक्षामंत्री, राज्यपाल व मुख्यमंत्री योग करते हैं.
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10 लाख करोड़ रुपए की बचत
स्वामी ने कहा, देश में दवाओं के नाम पर 10 लाख करोड़ रुपए का खर्च होते हैं. जब देश के करोड़ों लोग रोज योग करेंगे तो देश का हेल्थ बजट शून्य हो जाएगा. यदि हर देशवासी योग करे तो देश को 10 लाख करोड़ रुपए की बचत हो सकती है.
स्वामी महाराज ने कहा कि योग एवं योगमूलक वन पद्धति को आत्मसात करने के लिए आज विश्व लालायित है. योग युगों-युगों से चली आ रही हमारे पूर्वजों की बहुत बड़ी सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत है. योग का क्रियात्मक पक्ष अष्टांगयोग, ध्यानयोग, ज्ञानयोग, भक्तियोग, क्रियायोग एवं हठयोग आदि का वैयक्तिक व सामूहिक अभ्यास है. योगमूलक सनातन, शाश्वत, वैज्ञानिक, सार्वभौमिक सिद्धान्तों पर आधारित एक आध्यात्मिक नैतिक व्यवस्था है.
भारत से 100 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की लूट जारी
स्वामी महाराज ने कहा कि देश में समृद्धि स्वदेशी अपनाने से ही आ सकती है. ऑक्सफैम ग्लोबल यू.के. एवं अन्य स्रोतों के सर्वे के अनुसार, 1765 से 1900 के बीच विदेशी कंपनियों और आक्रांताओं ने भारत से 100 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की लूट की और आज भी वह लूट निरंतर जारी है. स्वामी स्वदेशी के माध्यम से इस लूट को रोकने और भारत को आर्थिक महाशक्ति की ओर ले जाने के लिए संकल्पित है.
हमारे योगी योद्धा प्रधानमंत्री मोदी ने आह्वान किया है कि हम प्रतिदिन वन में स्वदेशी का प्रयोग करें. प्रात: से सायं तक प्रतिदिन प्रयोग होने वाले सामान की सूची बनाएं और विदेशी सामान का बहिष्कार कर स्वदेशी अपनाएं. ऐसा करके हम भारत माता की सेवा कर सकते हैं. स्वदेशी के संकल्प से ही भारत परम वैभवशाली बनेगा. 'Prosperity for Charity' के तहत पतंजलि ने 100% लाभ भारत माता की सेवा में लगाया है, लगा रहे हैं और आगे भी लगाएंगे.
राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में अपनी भूमिका निभायें
स्वामी ने कहा कि 1835 से चली आ रही मैकाले की शिक्षा पद्धति से देश को मुक्त करने के लिए पतंजलि गुरुकुलम् और आचार्यकुलम् जैसे संस्थान भारतीय शिक्षा बोर्ड के साथ श्रेष्ठ व्यक्तित्व, चरित्र और नेतृत्व वाले बच्चों का निर्माण कर रहे हैं. आगे लाखों विद्यालयों को भारतीय शिक्षा बोर्ड से संबद्ध कर हम एक नए भारत का निर्माण कर रहे हैं. अपने बच्चों को पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, पतंजलि विश्व विद्यालय में पढ़ाएं और BSB के साथ अपने विद्यालय को संबद्ध करके राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में अपनी भूमिका निभायें.
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आज देश में पतंजलि योगपीठ के करोड़ों कार्यकर्ता योग सेवा कर रहे हैं. पतंजलि योग समिति के माध्यम से आज देश में 1 लाख से अिधक नि:शुल्क योग कक्षाएं संचालित हो रही हैं. "वन-अर्थ, वन-हेल्थ' एक पृथ्वी व एक स्वास्थ्य का संकल्प केवल योग से पूर्ण हो सकता है. पूरी दुनिया को स्वास्थ्य व शांति देने का कार्य केवल योग से ही संभव है.
हमारा उद्देश्य नशामुक्त व तनावमुक्त हरियाणा बनाना है
स्वामी ने कहा कि योग धर्म अब युगधर्म बन गया है. उन्होंने कहा कि आज योग और सनातन धर्म विश्व की आवश्यकता है. तनाव, बीमारियां, सामाजिक और सांस्कृतिक पतन से जूझ रही दुनिया को पतंजलि योग और सनातन मूल्यों के माध्यम से नई दिशा दे रहा है. आइए, योगधर्म मूलक सनातन वन पद्धति को अपनाएं. इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि योग को जन-जन तक पहुंचाने के लिए हरियाणा तथा केन्द्र सरकार पूर्ण प्रतिबद्ध है. हमारा उद्देश्य नशामुक्त व तनावमुक्त हरियाणा बनाना है.
कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि दैनिक वन में यदि आधा से एक घंटा का भी योग का क्रियात्मक अभ्यास कर लिया जाये तो वन को स्वस्थ, सुखी व आनन्दमय बनाया जा सकता है. प्रतिदिन के योगाभ्यास से एंटीएजिंग, इम्युनिटी लोंगिविटी एवं डिज को कन्ट्रोल करने से लेकर उन्हें रिवर्स करने का सामर्थ्य योग में है. योग पर हो रहे विभिन्न शोधों एवं वैश्विक स्तर पर वर्ल्ड के टॉपइम्पैक्ट के जनरल्स में योग रिसर्च के हजारों प्रमाण प्रकाशित हो चुके हैं तथा हमने भी सैकड़ों रिसर्च पेपर योग पर पतंजलि रिसर्च फाउन्डेशन की ओर से प्रकाशित करवाये हैं.
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11 लाख से अधिक लोगों ने ऑनलाइन भागीदारी की
कार्यक्रम में हरियाणा के राज्यपाल बंगारू दत्तात्रेय, हरियाणा की मंत्री आरती राव, सांसद नवीन जिंदल, आयुष विभाग के महानिदेशक संव वर्मा, पतंजलि संस्थान की ओर से साध्वी देवप्रिया, भाई राकेश, योग आयोग के अध्यक्ष भाई जयदीप हरियाणा राज्य समिति की ओर से ईश कुमार आर्य, बहन अमर आदि ने लगभग 400 गांवों से संपर्क करके हरियाणा प्रत्येक गांव व जिले की भागीदारी सुनिश्चित की. इस कार्यक्रम में ब्रह्म सरोवर कुरुक्षेत्र में एक लाख से अधिक तथा संपूर्ण हरियाणा के जिला स्तर व तहसील स्तर तक 11 लाख से अधिक लोगों ने ऑनलाइन भागीदारी की.