हिसार निवासी एक परिवार के छह लोग सोमवार की रात पंचकूला के सेक्टर 27 में एक खाली प्लॉट में खड़ी कार में मृत पाए गए. वहीं सातवें सदस्य की अस्पताल में मृत्यु हो गई. पुलिस को इस बात का संदेह है कि आर्थिक तंगी की वजह से उन्होंने खुदकुशी की है. पंचकूला के पुलिस ने कहा, "पहली नजर में यह आत्महत्या का मामला लगता है. हालांकि, जांच जारी है." पुलिस ने मरने वालों की पहचान कर ली है. इनमें 41 वर्षीय व्यवसायी, उसकी पत्नी, दंपति के तीन बच्चों, जिनमें उनका 14 वर्षीय बेटा और 12 वर्षीय जुड़वां बेटियां भी हैं. दो माह पहले परिवार देहरादून से यहां पर शिफ्ट हुआ था. पंचकूला के बाहरी इलाके में साकेत्री में रह रहा था.
छह लोग बेसुध हालत में थे
इस दौरान मौके पर मौजूद एक युवक पुनीत राणा ने बताया कि वह रात करीब 10 बजे टहलने के लिए बाहर निकला था. इस दौरान उसने देहरादून की हुंडई कार को देखा. इनके एक दरवाजे से तौलिया लटकी थी. उसने पास जाकर देखा तो पता चला कि तो कार में छह लोग बेसुध हालत में थे. वहीं सातवें शख्स की सांसें चल रही थीं. उसे सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था. उस दौरान उसने बताया कि परिवार भारी कर्ज में डूबा है. वह भी मरने वाला है.
राणा ने बताया कि उसने टॉर्च से जब अंदर देखा तो पाया कि सभी ने एक-दूसरे पर उल्टी की हुई थी. उन्होंने आगे कहा कि ड्राइवर की सीट पर बैठा शख्स उस वक्त होश में था. उसने कहा,"मैं भारी कर्ज में डूबा हुआ हूं. पांच मिनट में मर जाऊंगा." पुलिस के अनुसार, युवक ने शोर मचाया और सभी सातों को अस्पताल में लाया गया. पुलिस के अनुसार, परिवार के छह सदस्यों को निजी अस्पताल ले जाया गया, जबकि एक को सिविल अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, बाद में उसकी भी मौत हो गई.
इलाके के लोगों से पूछताछ हो रही
पुलिस ने बताया कि युवक ने शोर मचाया और सभी सातों को अस्पताल ले जाया गया. वहीं एक को सिविल अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, बाद में उसकी भी मौत हो गई. पुलिस ने कि "मामले के हर पहलू को जांच हो रही है. इलाके के लोगों से पूछताछ हो रही है. सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है. कार से एक सुसाइड नोट बरामद किया गया है, जिस पर कथित तौर पर व्यवसायी के हस्ताक्षर मौजूद हैं. इस पत्र में कहा गया है कि मौतों के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है. वे आर्थिक नुकसान की वजह से यह कदम उठा रहे हैं. उन्होंने बताया कि नोट में यह लिखा है कि उनके ससुर को इस कदम के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए.
कार से दवा की एक बोतल मिली है. इसमें संदेह है कि परिवार ने इसे पी लिया होगा. पुलिस जांच में पता चला है कि परिवार को 2005 से 2008 के बीच भारी आर्थिक नुकसान हुआ था. इसकी वजह से उन्हें पंचकूला छोड़ना पड़ा. एक रिश्तेदार के अनुसार, परिवार ने नौ साल पहले बद्दी में फ्लैट, कार और एक फैक्ट्री समेत अपनी संपत्ति छोड़ दी थी और देहरादून में स्थानांतरित हो गया था. उन्होंने कहा,"वे करोड़ों के कर्ज में डूबे हुए थे और उन्हें धमकियां मिल रही थीं."
7 करोड़ रुपये तक का व्यावसायिक नुकसान
परिवार मूल रूप से हिसार का रहने वाला था और दो माह पहले पंचकूला लौटने से पहले देहरादून में टूर और ट्रैवल व्यवसाय के तहत टैक्सी चलाता था. एक अन्य रिश्तेदार ने जानकारी दी कि परिवार के पास पहले 2.5 करोड़ रुपये का फ्लैट था, लेकिन उन्हें 7 करोड़ रुपये तक का व्यावसायिक नुकसान हुआ. "फ्लैट को छोड़ने के बाद जिसे बाद में बैंक ने अपने कब्जे में ले लिया. व्यवसायी के पास स्थानीय स्तर पर आय का कोई स्थिर स्रोत नहीं था. देहरादून छोड़ने के बाद परिवार टैक्सी का व्यवसाय चलाता था, परिवार वापस आ गया और खरड़ में अपने ससुर के साथ रहने लगा. इससे पहले कि वह साकेत्री में 10,000 प्रति माह रुपये पर किराए का मकान में रह रहा था.