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हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने केंद्र से की अपील, दिल्ली प्रदूषण पर बुलाए संयुक्त बैठक

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने सोमवार से अपना कार्यभार संभाला. कार्यभार संभालने के बाद दुष्यंत चौटाला ने दिल्ली में फैले प्रदूषण पर केंद्र सरकार के साथ बैठक करने की बात कही.

Updated on: 04 Nov 2019, 04:44 PM

नई दिल्ली:

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने सोमवार से अपना कार्यभार संभाला. कार्यभार संभालने के बाद दुष्यंत चौटाला ने दिल्ली में फैले प्रदूषण पर केंद्र सरकार के साथ बैठक करने की बात कही. हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा, 'हरियाणा सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया है कि वह दिल्ली प्रदूषण को लेकर संयुक्त बैठक बुलाए. मैंने आज ही कार्यालय का कार्यभार संभाला है. मैं इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर पत्र लिखूंगा.

बता दें कि दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा में स्‍मॉग के कारण हालत बेहद गंभीर हो गई है. जींद समेत कई शहरों में प्रदूषण स्‍तर खतरनाक हो गया है. यहा भी मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात बन गए हैं. जींद में प्रदूषण(एयर क्वालिटी इंडेक्स) का स्तर 1615 माइक्रोग्राम पहुंच गया है. पानीपत में AQI 655 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया. वहीं फरीदाबाद में 600 और पलवल में 570 रहा. लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है.

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इधर, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पंजाब-हरियाणा और यूपी के चीफ सेकेट्री को समन किया. कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि पराली जलाने की आगे कोई घटना न हो. अगर आगे पराली जलाने की घटना होती है तो तो सरपंच से लेकर जॉइंट सेकेट्री तक सबकी जिम्मेदारी तय होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि अगले आदेश तक दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश पावर कट न किया जाए ताकि डीजल से चलने वाले जेनरेटर की ज़रूरत न पड़े.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में ऑड-ईवन स्कीम लागू करने पर केजरीवाल सरकार पर सख्त हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से पूछा कि ऑड-ईवन स्कीम प्रदूषण रोकथाम में कैसे सहायक होगी. इससे क्या फायदा होने वाला है? कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा कि अगर आप प्रदूषण की रोकथाम के लिए डीजल गाड़ियों पर रोक लगाते है, तो समझ में आता है. पर odd-even स्कीम लागू करने का मकसद क्या है ? आप इस स्कीम के जरिये एक तरह की गाड़ियों के सड़क पर चलने पर रोक लगा रहे है, वहीं दूसरी तरफ इसके एवज में दूसरी गाड़िया ( ऑटो- रिक्शा ) चल रही है.

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जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि कारें सबसे कम प्रदूषण करती हैं. तो दिल्ली में ऑड-ईवन लागू करने से आपको क्या मिल रहा है?

इसके साथ ही जस्टिस दीपक गुप्ता ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा कि जब मैंने सुप्रीम कोर्ट में काम करना शुरू किया तो आपने कहा था कि 3 सालों में तीन हज़ार बसे सड़क पर होगी. लेकिन अभी तक मुश्किल से आपने पब्लिक ट्रांसपोर्ट में 300 बस जोड़ी है. निजी वाहनों के बजाए सार्वजनिक वाहनों को प्रोत्साहित करना ही प्रदूषण की रोकथाम के एकमात्र उपाय है.