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हरियाणा के कपास उगाने वाले किसानों को मिडलमैन से मुक्ति मिलने जा रही है. अपनी फसल को बेचने के लिए उन्हें अब मंडियों के चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे. उनका मोबाइल फोन उन्हें अपनी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने में मदद करेगा.
'कपास किसान' ऐप की गई लॉन्च
प्रदेश के किसानों के लिए अपनी फसल बेचने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए हरियाणा सरकार ने कपास किसान नाम से एक नई मोबाइल एप्लिकेशन को लॉन्च किया है. इस ऐप के जरिए किसान अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करके अपनी कपास को बेचने से जुड़ी प्रक्रिया पर नजर रख सकेंगे. इसका उद्देश्य यह है कि कड़ा परिश्रम करके फसल उगाने वाले किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य आसानी से मिल सके.
प्ले स्टोर, iOS से डाउनलोड करे सकते हैं कपास किसान ऐप
किसान ऐप को डाउनलोड करने के लिए किसानों को पहले गूगल प्ले स्टोर या एप्पल आईओएस पर जाना होगा. ऐप डाउनलोड करने के बाद उन्हें मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसके लिए उन्हें अपने मोबाइल नंबर पर आने वाले ओटीपी से वेरीफाई करना होगा. मोबाइल नंबर औऱ ओटीपी का इस्तेमाल करके किसान अपनी फसल का ब्योरा ऑनलाइन चेक सकेंगे. साथ ही वो किसान ऐप पर दर्ज कपास की फसल संबंधी अपने रिकॉर्ड को पोर्टल में दर्ज ब्योरों के साथ मिला सकेंगे.
किसान ध्यान रखें कि कपास में 12 प्रतिशत से ज्यादा नमी न हो
किसान ऐप की मदद से किसान भारतीय कपास निगम लिमिटेड के नजदीकी खरीद केंद्र पर अपने लिए उपलब्ध स्लॉट को बुक करके निर्धारित समय पर केंद्र पर जाकर अपनी कपास की फसल की बिक्री कर सकते हैं. इस फसल उन्हें सही न्यूनतम खरीद मूल्य मिलेगा. किसानों को एमएसपी का उचित लाभ मिले, इसके लिए उन्हें ध्यान रखना होगा कि जो कपास वो बिक्री कर रहे हैं, उसकी क्वालिटी अच्छी हो. बिक्री के लिए लाई गई कपास में 12 प्रतिशत से ज्यादा नमी नहीं होनी चाहिए.
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