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लॉकडाउन खुलने के बाद हरियाणा कैडर की IAS रानी नागर देंगी इस्तीफा, फेसबुक पर डाली ये पोस्ट

देश में लगातार कोरोना वायरस का कहर जारी है. इस बीच एक बार फिर हरियाणा कैडर की आईएएस रानी नागर सुर्खियों में हैं.

Updated on: 25 Apr 2020, 08:00 PM

नई दिल्ली:

देश में लगातार कोरोना वायरस का कहर जारी है. इस बीच एक बार फिर हरियाणा कैडर की आईएएस रानी नागर (IAS Rani Nagar) सुर्खियों में हैं. 2014 बैच की आईएएस अधिकारी रानी नागर ने अपनी नौकरी से इस्तीफा देने का फैसला किया है. उत्तर प्रदेश की मूल निवासी आईएएस अधिकारी रानी ने गुरुवार को फेसबुक वॉल पर पोस्ट डालकर इसकी सूचना दी है.

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आईएएस अफसर रानी नागर की पोस्ट के बाद अफसरशाही में हलचल मच गई है. उन्होंने अपनी और अपनी बहन रीमा नागर की जान का खतरा भी बताया है. आपको बता दें कि दिसंबर 2019 से रानी नागर अपनी बहन के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर-6 स्थित यूटी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 311 में किराए पर रह रही हैं.

आईएएस अधिकारी रानी नागर ने 17 अप्रैल को भी अपने फेसबुक वॉल पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने और रीमा नागर ने जान को खतरा बताते हुए लोगों से अपील की थी. जून 2018 में पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव रहते हुईं रानी नागर तत्कालीन एसीएस सुनील गुलाटी पर उत्पीड़न के आरोप लगाकर सुर्खियों में आई थीं. रानी नागर ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को भी लेटर लिखा था. 14 नवंबर 2018 से रानी नागर अतिरिक्त निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और 7 मार्च 2020 से निदेशक अर्काइव का जिम्मा संभाल रही हैं.

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IAS रानी नागर के फेसबुक पेज से...


मैं रानी नागर पुत्री श्री रतन सिंह नागर निवासी गाजियाबाद गांव बादलपुर तहसील दादरी जिला गौतमबुद्धनगर आप सभी को सूचित करना चाहती हूं कि मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं आईएएस के पद से इस्तीफ़ा दूंगी. अभी चंडीगढ़ में कर्फ़्यू लगा हुआ है इस कारण से मैं व मेरी बहन रीमा नागर चंडीगढ़ से बाहर नहीं निकल सकते. चंडीगढ़ से आगे मार्ग में गाजियाबाद तक रास्ते भी बंद हैं. लॉकडाउन व कर्फ़्यू खुलने के बाद मैं अपने कार्यालय में इस्तीफ़ा देकर व सरकार से नियमानुसार अनुमति लेकर मैं व मेरी बहन रीमा नागर वापस अपने पैतृक शहर गाजियाबाद आएंगे. हम आपके आशीर्वाद व साथ के आभारी रहेंगे.

हरियाणा से उप्र के 2,224 मजदूर वापस लाए गए, रविवार तक 11 हजार वापस लाए जाएंगे

लॉकडाउन के चलते दूसरे राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के मजदूरों को लाने का काम शनिवार से शुरू हो गया और पहले चरण में 2,224 श्रमिकों को 82 बसों की मदद से लाया गया है. रविवार तक 11 हजार लोग वापस आ जाएंगे. अपर मुख्य सचिव (गृह और सूचना) अवनीश अवस्थी ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अन्य राज्यों में 14 दिन का पृथक-वास पूरा कर चुके उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाए जाने के संबंध में निर्देश दिए थे. इसी को अमल में लाते हुए शनिवार को हरियाणा राज्य से 2,224 मजदूरों को 82 बसों से वापस प्रदेश लाया गया. ये मजदूर प्रदेश के 16 जिलों के हैं.