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हरियाणा के कृषि मंत्री ने किसानों से अपनी मांगों में SYL मुद्दा शामिल करने की अपील की

हरियाणा के कृषि मंत्री जे पी दलाल ने रविवार को यह कहते हुए सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर का मुद्दा उठाया कि वह नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से केंद्र के साथ बातचीत के दौरान अपनी मांगों में इसके निर्माण की मांग भी शामिल करने की अपील करते

Updated on: 06 Dec 2020, 10:07 PM

चंडीगढ़:

हरियाणा के कृषि मंत्री जे पी दलाल ने रविवार को यह कहते हुए सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर का मुद्दा उठाया कि वह नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से केंद्र के साथ बातचीत के दौरान अपनी मांगों में इसके निर्माण की मांग भी शामिल करने की अपील करते हैं. उन्होंने कहा कि एसवाईएल हरियाणा के किसानों के लिए ‘‘जीवनरेखा’’ है तथा उसका निर्माण राज्य के कृषकों के लिए अहम है, ऐसे में वह प्रदर्शनकारी किसानों तथा प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से उनके आंदोलन का समर्थन कर रहे लोगों से अपनी मांगों की सूची में इस मुद्दे को भी शामिल करने की अपील करते हैं.

दलाल ने गुरुग्राम में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली की सीमाओं के समीप किसानों के आंदोलन का ‘‘(हरियाणा से) कुछ लोग, कुछ खाप, कुछ पूर्व मुख्मयंत्री, इंडियन नेशनल लोकदल के नेता और कुछ निर्दलीय विधायक समर्थन कर रहे हैं.’’लोहारू से भाजपा विधायक ने कहा, ‘‘ सभी की संवेदनाएं किसानों से जुड़ी हैं, सभी कहते हैं कि मैं किसानों के साथ हूं. मैं भी कहता हूं कि मैं पहले किसान हूं, फिर मंत्री.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन हरियाणा के किसानों के लिए आज सबसे बड़ा मुद्दा सिंचाई के लिए पानी है. सभी मुद्दे द्वितीयक हैं. हरियाणा के दक्षिणी हिस्से में सात-आठ जिलों में स्थिति ऐसी है कि जलस्तर काफी नीचे चला गया है.

मेरे लोहारू इलाके में कुछ गांवों में भी पेयजल की दिक्कत है . सिंचाई के लिए पानी की कमी है. जब वहां पानी ही नहीं होगा तो फसलें कैसे उगेंगी और यदि फसलें नहीं होगी तो दाम कौन तय करेगा.’’ हरियाणा नदी के 35 लाख एकड़ फुट पानी का अपना हिस्सा पाने के लिए इस नहर को पूरा करने की मांग रहा है. उसने कहा है कि पंजाब को हरियाणा के लिए रावी एवं ब्यास नदियों के पानी के उसके हिस्से के लिए नहर को पूरा करने संबंधी 2002 और 2004 के उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पालन करना चाहिए.