भर्ती प्रणाली पर आम आदमी पार्टी का हमला, अनुराग ढांडा बोले– युवाओं के साथ हो रहा अन्याय

AAP नेता अनुराग ढांडा ने चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता कर हरियाणा की भर्ती व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने सहायक प्रोफेसर इंग्लिश भर्ती, CET रिजल्ट, खाली पड़े पदों और कोर्ट में अटकी भर्तियों का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर युवाओं को रोजगार से वंचित करने का आरोप लगाया.

AAP नेता अनुराग ढांडा ने चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता कर हरियाणा की भर्ती व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने सहायक प्रोफेसर इंग्लिश भर्ती, CET रिजल्ट, खाली पड़े पदों और कोर्ट में अटकी भर्तियों का मुद्दा उठाते हुए सरकार पर युवाओं को रोजगार से वंचित करने का आरोप लगाया.

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Ravi Prashant
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AAP नेता अनुराग ढांडा Photograph: (NN)

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया इंचार्ज अनुराग ढांडा ने मंगलवार को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा सरकार की भर्ती प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि राज्य में नौकरियों की प्रक्रिया लगभग ठप पड़ चुकी है, जबकि पड़ोसी पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार 2022 से अब तक 60 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नियुक्तियां दे चुकी है और एक भी भर्ती कोर्ट में लंबित नहीं है तथा न ही किसी पेपर को रद्द करना पड़ा है.

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सरकार पर आंकड़ों में हेराफेरी का आरोप

ढांडा ने दावा किया कि हरियाणा सरकार 2 लाख नौकरियां देने का दावा करती है, जबकि वास्तविकता में लगभग 1 लाख 20 हजार पदों पर ही भर्ती पूरी हुई है. इनमें से भी करीब 25 हजार उम्मीदवार ग्रुप डी से ग्रुप सी में चले गए, जिससे वे पद दोबारा खाली हो गए.

उनके अनुसार 20 से 25 हजार पद अभी भी कोर्ट केसों में फंसे हैं, जबकि पिछले 11 वर्षों में 50 हजार से अधिक कर्मचारी रिटायर हो गए हैं. ढांडा का कहना है कि सरकार के आंकड़े युवाओं को भ्रमित करने के लिए पेश किए जाते हैं, जबकि वास्तविक रोजगार सृजन बहुत कम हुआ है.

असिस्टेंट प्रोफेसर इंग्लिश भर्ती में कम चयन पर आपत्ति

उन्होंने हाल ही में आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर इंग्लिश भर्ती का उदाहरण देते हुए कहा कि 613 पदों के लिए लिखित परीक्षा में मात्र 151 युवाओं को ही पास किया गया. इनमें आरक्षित वर्ग के 301 पदों में से केवल 17 अभ्यर्थी पास हुए, जिसे ढांडा ने आरक्षित वर्ग के साथ अन्याय करार दिया.

 उनका कहना था कि हरियाणा के कई प्रतिभाशाली युवा, जो राष्ट्रीय स्तर पर NET–JRF टॉपर या गोल्ड मेडलिस्ट हैं, उन्हें HPSC द्वारा न्यूनतम अंक भी नहीं दिए गए. ढांडा ने कहा कि हरियाणा के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में लगभग 3 हजार पद खाली पड़े हैं, लेकिन सरकार देर से भर्ती निकालती है और फिर उनमें भी बड़ी संख्या में सीटें खाली छोड़ दी जाती हैं.

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