logo-image

गांधी परिवार के नजदीकी रहे अशोक तंवर आज लॉन्च करेंगे नई पार्टी, समझिए सियासी समीकरण

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मतभेदों के बाद कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व प्रदेश पार्टी अध्यक्ष अशोक तंवर आज राज्य में एक नई पार्टी लॉन्च करने जा रहे हैं.

Updated on: 25 Feb 2021, 09:59 AM

highlights

  • अशोक तंवर लॉन्च करेंगे नई पार्टी
  • सालों तक रहे हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष
  • गांधी परिवार के नजदीकी रहे हैं अशोक तंवर
  • हुड्डा के साथ मतभेदों के चलते छोड़ी कांग्रेस

नई दिल्ली:

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मतभेदों के बाद कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व प्रदेश पार्टी अध्यक्ष अशोक तंवर आज राज्य में एक नई पार्टी लॉन्च करने जा रहे हैं. कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में 25 स्थानों पर ऑनलाइन लॉन्चिंग के साथ पार्टी की स्थापना की जाएगी. मुख्य कार्यक्रम दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में होना है. अशोक तंवर की इस पार्टी का नाम क्या रहेगा, हालांकि अभी तक यह सामने नहीं आया है. बता दें कि पांच साल से अधिक समय तक कांग्रेस के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष रहे अशोक तंवर ने अपने समर्थकों को 2019 विधानसभा चुनाव में टिकट से वंचित करने के बाद पार्टी छोड़ दी थी.

यह भी पढ़ें : रैलियों का गुरुवार : प्रधानमंत्री मोदी आज तमिलनाडु-पुडुचेरी दौरे पर, नड्डा जाएंगे बंगाल तो असम में अमित शाह

माना जा रहा है कि अशोक तंवर कांग्रेस और बीजेपी के बीच एक स्थान की तलाश में हैं और वह राज्य में दलित वोटों को टारगेट करके चलने वाले हैं. हरियाणा में फिलहाल कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी है, जबकि जेजेपी के साथ गठबंधन में भाजपा राज्य में शासन कर रही है. ऐसे में तंवर की नजर उस सेगमेंट पर है, जो भाजपा और कांग्रेस दोनों के खिलाफ है. हालांकि अशोक तंवर के एक करीबी की मानें तो नई पार्टी हरियाणा केंद्रित नहीं होगी, बल्कि एक राष्ट्रीय पार्टी होगी. यह पार्टी दलितों और हरियाणा की 36 बिरादरी पर ध्यान केंद्रित करेगी.

तंवर के करीबी सहयोगी का कहना है कि उम्मीद है कि वह कांग्रेस में भी उन नेताओं को लुभाने की कोशिश करेंगे, जो भूपेंद्र सिंह हुड्डा से नाखुश हैं और पार्टी में खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे हैं. लेकिन मालूम हो कि तंवर अपनी खुद की पार्टी शुरू करने वाले पहले पूर्व कांग्रेसी नहीं होंगे. इससे पहले भजनलाल ने 2004 में मुख्यमंत्री पद से वंचित होने के बाद हरियाणा जनहित कांग्रेस नामक अपनी पार्टी की स्थापना की थी. हालांकि बाद में इसे कांग्रेस में मिला लिया.

यह भी पढ़ें : AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की कोलकाता में आज होनी थी रैली, पुलिस से इजाजत न मिलने पर रद्द

इससे पहले हरियाणा में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल ने हरियाणा विकास पार्टी की शुरूआत की थी, लेकिन बाद में वह 2004 में कांग्रेस में लौट आए और अपनी पार्टी का इसमें विलय कर दिया. कभी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी रहे अशोक तंवर जगन मोहन रेड्डी जैसे युवा नेताओं की राह पर चल रहे हैं, जिन्होंने कांग्रेस छोड़कर वाईएसआरसीपी का गठन किया, जो अब आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी है.