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सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान की मौत, फंदे पर लटका मिला शव

सोनीपत के कुंडली सिंघु बॉर्डर पर बुधवार को प्रदर्शन में शामिल एक किसान का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला. मृतक किसान का नाम गुरप्रीत सिंह बताया जा रहा है. वह पंजाब के फतेहगढ़ साहिब का रहने वाला है.

Updated on: 10 Nov 2021, 10:58 AM

सोनीपत:

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. धरना दे रहे किसानों की मौत की भी खबरें लगातार सामने आ रही हैं. इसी बीच सोनीपल के सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान की मौत की खबर सामने आई हैं. बुधवार को प्रदर्शन में शामिल एक किसान का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला. मृतक किसान का नाम गुरप्रीत सिंह बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक वह पंजाब के फतेहगढ़ साहिब  के अमरोह तहसील के रुड़की गांव का रहने वाला था. अभी इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है कि गुरप्रीत सिंह की हत्या हुई है या उसने आत्महत्या की है. कुंडली थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. फिलहाल पुलिस दोनों ही एंगल से मामले की जांच कर रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के सही कारण का पता चल सकेगा. 

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की 9 सदस्यीय कमेटी ने मंगलवार को बैठक कर बड़ा फैसला लिया है. किसानों ने ऐलान किया है कि आंदोलन के एक साल पूरे होने पर 500 किसान ट्रैक्टर के साथ संसद मार्च करेंगे. 29 नवंबर को गाजीपुर बार्डर और टिकरी बार्डर से 500-500 किसान ट्रैक्टर समेत दिल्ली संसद भवन के लिए रवाना होंगे. जहां रोका जाएगा वहीं किसान बैठ जाएंगे. आपको बता दें कि इससे पहले किसान ट्रैक्टर मार्च निकाल चुके हैं.

आपको बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली में इस साल गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा हुई थी. नए कृषि कानून को लेकर सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं निकल पाया है. किसान तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं तो वहीं केंद्र सरकार कृषि कानून वापस लेने के लिए राजी नहीं है. 

पिछले दिनों दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने टिकरी बॉर्डर से बैरिकेड्स हटा दिए थे.  दिल्ली पुलिस के इस कदम से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को काफी राहत मिली है. अब रास्ता 2 पहिया वाहनों, तीन पहिया वाहनों और एम्बुलेंस के लिए खोल दिया गया है. साथ ही कुछ सीमेंट के ब्रिक्स भी हटाए गए हैं. यह मार्ग साफ होने से दिल्ली-हरियाणा के बीच आने-जाने वालों को राहत मिली है. उन लोगों को खासकर लभ होगा जो रोज दिल्ली-रोहतक और बहादुरगढ़ के बीच आवागमन करते हैं.