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CM खट्टर ने वित्त मंत्री से राज्य के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से एनसीआर के 14 जिलों को ध्यान में रखते हुए राज्य के लिए एक विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की है. दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बातचीत के दौरान हरियाणा के सीएम ने कहा कि एनसीआर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के निर्माण और रखरखाव पर बहुत सारे संसाधन खर्च करने पड़ते हैं, इसे ध्यान में रखकर हरियणा को एक विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाना चाहिए.

Updated on: 25 Nov 2022, 11:01 PM

नई दिल्ली:

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से एनसीआर के 14 जिलों को ध्यान में रखते हुए राज्य के लिए एक विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की है. दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बातचीत के दौरान हरियाणा के सीएम ने कहा कि एनसीआर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के निर्माण और रखरखाव पर बहुत सारे संसाधन खर्च करने पड़ते हैं, इसे ध्यान में रखकर हरियणा को एक विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाना चाहिए.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वित्त मंत्री से बताया कि राज्य का क्षेत्रफल 25,327 वर्ग किलो मीटर है और 164.3 लाख की आबादी एनसीआर के अंतर्गत आती है. यह क्षेत्र बुनियादी ढांचे, पानी, स्वच्छता, शहरी विकास और कनेक्टिविटी के लिए बहुत सारे संसाधनों की खपत करता है. सीएम ने कहा कि एनसीआर में हरियाणा सरकार केएमपी एक्सप्रेसवे के विकास, रेल ऑर्बिटल प्रोजेक्ट, पंचग्राम विजन के रूप में केएमपी कॉरिडोर के साथ अन्य विकास कार्यो और बड़ी परियोजनाओं पर पैसा खर्च कर रही है. इसलिए केंद्र सरकार से राज्य के लिए विशेष पैकेज की की मांग जायज है.

सीएम ने वर्ष 2022-23 में भी 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में राज्यों को पूंजी निवेश योजना के लिए लगातार विशेष मदद के लिए केंद्र सरकार का शुक्रिया आदा किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना के कार्य को सफलतापूर्वक करने के लिए 2022-23 में 874 करोड़ रुपये मिले हैं. उन्होंने सरकार से भविष्य में इस योजना को जारी रखने की अपील की है.

इसके अलावा सीएम ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा के साथ साथ स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने का भी काम किया गया है. सीएम ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों के निर्माण और संचालन के लिए प्रत्येक परियोजना पर 700 करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश की जरूरत है. इसलिए केंद्र सरकार से विशेष वित्तीय सहायता प्रदान करने की मांग की गई है.

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