पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट से भूपिंदर सिंह हुड्डा को मिली राहत, सार्वजनिक नहीं होगी ढींगरा आयोग की रिपोर्ट
कोर्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार के पास उनके ख़िलाफ़ पर्याप्त सबूत मौजूद है जिस आधार पर वो कमीशन बिठा सकते हैं.
नई दिल्ली:
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा को बड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह ढींगरा कमिशन की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करें. गुरुग्राम में व्यवसायिक कॉलोनी विकसित करने को लेकर लाइसेंस देने की जांच करने के लिए साल 2015 में ढींगरा कमीशन का गठन किया गया था. इसमें राबर्ट वाड्रा और डीएलएफ़ को लाइसेंस देने का मामला भी शामिल है. हालांकि कोर्ट ने यह भी माना कि सरकार के पास पर्याप्त सबूत है जिससे कि वो आयोग का गठन कर सके, इसमें कुछ भी ग़लत और दुर्भावनापूर्ण नहीं है.
हाई कोर्ट ने इसके अलावा यह भी कहा कि हुड्डा को नोटिस जारी करने को लेकर आयोग ने पूछताछ क़ानून के सेक्शन 8बी का अनुसरण नहीं किया. सील रिपोर्ट जो बेंच के द्वारा खोला गया वो भूपिंदर सिंह हुड्डा के प्रतिष्ठा से जुड़ा है. कोर्ट ने कहा कि पूछताछ क़ानून का सेक्शन 8बी कहता है कि अगर किसी रिपोर्ट से व्यक्ति विशेष की प्रतिष्ठा ख़राब होती है या जांच पर प्रतिकूल असर डालता है तो आयोग को उन्हें अपनी बात रखने का एक मौक़ा देना चाहिए. जिससे कि वो अपने बचाव में सबूत पेश कर सके लेकिन इस मामले में उन्हें ऐसा कोई मौक़ा नहीं दिया गया है.
इस मामले में दोनों न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके मित्तल और न्यायमूर्ति एएस ग्रेवाल के आदेशों में मतभिन्नता है. पीठ ने अगले आदेश के लिए मामले को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया. पीठ ने यह तो पाया कि आयोग गठित करने में प्रक्रिया का पालन सही तरीके से हुआ लेकिन कहा कि हुड्डा और अन्य लोगों को कमीशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट 1952 की धारा 8 (बी) के तहत नोटिस नहीं भेजे गए जो कि अनिवार्य है.
न्यायमूर्ति मित्तल ने कहा कि आयोग द्वारा हुड्डा को नया नोटिस जारी किया जा सकता है लेकिन न्यायमूर्ति ग्रेवाल ने चिन्हित किया कि चूंकि आयोग का अस्तित्व समाप्त हो गया है, इसलिए सरकार एक नया आयोग गठित कर सकती है. पीठ ने कहा कि हरियाणा सरकार वर्तमान रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं कर सकती.
गुरुग्राम में मुख्य व्यावसायिक संपत्तियों के लिए विवादास्पद लाइसेंस प्रदान करने की जांच के लिए एक सदस्यीय न्यायमूर्ति एस.एन. ढींगरा आयोग का गठन मई 2015 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली भाजपा सरकार द्वारा किया गया था. इनमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा की संपत्ति का मामला भी शामिल है.
और पढ़ें- कारोबारियों को मोदी सरकार ने दी बड़ी राहत, 40 लाख से कम टर्नओवर पर नहीं लगेगा GST
आयोग ने अपनी 182 पन्नों की रिपोर्ट 31 अगस्त 2106 को खट्टर सरकार को सौंपी थी.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Sonu Sood WhatsApp Blocked: 2 दिन से बंद है सोनू सूद का व्हाट्सएप अकाउंट, नहीं कर पा रहे हैं जरूरतमंदों की मदद
-
Sahil Khan Arrested: महादेव बेटिंग ऐप केस में मुंबई पुलिस ने उठाया बड़ा कदम , एक्टर साहिल खान हुए गिरफ्तार
-
Samantha Ruth Birthday: साउथ इंडस्ट्री की दिवा 37 साल की हुईं आज, ऐसा रहा है सामंथा का फिल्मी करियर
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट