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गुजरात में रामनवमी के दौरान हिंसा पूर्व नियोजित, ओवैसी बोले- हिंसा में सरकार की मिलीभगत

आनंद के एसपी अजीत राजियां ने बताया कि  खंभात, आणंद में रामनवमी जुलूस के दौरान पूर्व नियोजित हिंसा और पथराव में कथित संलिप्तता के आरोप में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

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Pradeep Singh
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अजीत राजियां, SP, आनंद ( Photo Credit : TWITTER HANDLE)

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रामनवमी के अवसर पर  मध्य प्रदेश और गुजरात के कई जिलों में सांप्रदायिक हिंसा देखने को मिली. अब इस हिंसा की परते खुलकर सामने आ रही है. गुजरात पुलिस को रामनवमी के अवसर पर पत्थरबाजी और हमला करने में शामिल रहे कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है.  आनंद के एसपी अजीत राजियां ने बताया कि  खंभात, आणंद में रामनवमी जुलूस के दौरान पूर्व नियोजित हिंसा और पथराव में कथित संलिप्तता के आरोप में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया था. आरोपियों को बाहर से लाया गया था और उन्हें हर तरह की कानूनी और वित्तीय मदद का आश्वासन दिया गया था.  

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उन्होंने कहा कि आरोपी का मकसद लोगों को धमकाना था ताकि भविष्य में कोई धार्मिक जुलूस न निकले. ये लोग साजिश को अंजाम देने के लिए फंड के लिए विदेशियों के संपर्क में थे. फिलहाल जांच चल रही है.  

रामनवमी के जुलूस के दौरान गुजरात में हिंसा पर अहमदाबाद में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, "अगर कहीं हिंसा हो जाए तो यह किसी के लिए भी सही नहीं है. अगर हिंसा भड़कती है, तो जिम्मेदारी राज्य सरकार पर है. पिछले 20-25 वर्षों की जांच आयोग की रिपोर्ट कहती है कि अगर राज्य सरकारें नहीं चाहती हैं, तो हिंसा नहीं फैलती है."

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इसलिए, मेरा मानना ​​है कि यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है और वे कानून और व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहे. हम चाहते हैं कि गिरफ्तारियां हों और उचित जांच के साथ कार्रवाई की जाए.

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राज्य सरकार अब हिंसा पर आईबी रिपोर्ट की बात कर रही है. अगर आपके पास आईबी रिपोर्ट थी तो आप क्यों सो रहे थे? आपको इसका पर्दाफाश करना चाहिए था, वहां और पुलिस बल तैनात करना चाहिए था और हिंसा को रोकना चाहिए था. आप अपने संलिप्त व्यवहार को छिपाने के लिए शाम को कहानियां लाते हैंं ऐसी कहानियां अब पुरानी हो गयी हैं.  


उन्होंने कहा कि, आप कब तक पुरानी कहानियों को सामने लाते रहेंगे? अपनी असफलता को स्वीकार करें. आप स्वयं सहभागी हैं. भजन बजना चाहिए लेकिन किस तरह के नारे लगे? 50-100 तलवारें लहराई गईं. यह पुलिस की मौजूदगी में किया गया. सरकार हिंसा चाहती थी और मिलीभगत है.

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