UCC in Gujarat: उत्तराखंड के बाद अब एक और राज्य में समान नागरिक संहिता लागू होने जा रही है. दरअसल, उत्तराखंड के बाद गुजरात देश का दूसरा राज्य होगा, जहां यूसीसी यानी समान नागरिक संहिता लागू होगी. जिसके लिए मंगलवार को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बड़ा एलान किया. दरअसल, सीएम पटेल ने समान नागरिक संहिता (UCC) का मसौदा तैयार करने और कानून बनाने के लिए 5 सदस्यीय समिति गठित करने का एलान किया है.
45 दिनों रिपोर्ट सौंपेगी समिति
इस समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई करेंगी. ये समिति 45 दिनों में राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार आगे का निर्यण लेगी. इस समित में कुल पांच सदस्यों को शामिल किया गया है. सीएम पटेल ने कहा कि, "यूसीसी आवश्यकता का आकलन करने और इसके लिए मसौदा विधेयक को तैयार करने के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का फैसला किया है."
इस समिति के अन्य सदस्यों में रिटायर आईएएस अधिकारी सीएल मीना, अधिवक्ता आरसी कोडेकर, शिक्षाविद् दक्षेश ठाकर और सामाजिक कार्यकर्ता गीता श्रॉफ को शामिल किया गया है.
चुनाव घोषणापत्र में शामिल था यूसीसी
बता दें कि गुजरात में 2022 में हुआ विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कही थी. जिसपर सरकार अब अमल करने जा रही है. समिति के गठित होने के बाद अब इस संबंध में जनता से सुझाव मांगे जाएंगे. इसके बाद समिति के निर्णय के आधार पर राज्य में यूसीसी लागू की जाएगी.
बता दें कि समान नागरिक संहिता में व्यक्तिगत कानूनों का एक ऐसा सेट स्थापित करने का प्रस्ताव है जो राज्य के सभी नागरिकों पर लागू होता है, फिर चाहे वह किसी भी धर्म से संबंध रखता हो या वह किसी भी लिंग का हो. बता दें कि यह कदम देशभर में नागरिकों के व्यक्तिगत मामलों को नियंत्रित करने वाले कानूनी प्रावधानों में को समान रूप से लागू करने के प्रयासों का एक हिस्सा है.
जनवरी में उत्तराखंड में लागू हुआ था UCC
इससे पहले जनवरी में उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू की गई थी. इसके बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया, जहां यूसीसी को लागू किया गया है. गौरतलब है कि गोवा में पहले से ही यूसीसी लागू है, लेकिन यहां आजादी से पहले इसे लागू किया गया था.