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गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के आसपास के गांवों के आदिवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के आसपास के 14 गांवों के सैकड़ों आदिवासियों ने क्षेत्र के विकास के लिए गुजरात सरकार द्वारा किए जाने वाले उनकी भूमि के अधिग्रहण के खिलाफ रविवार को मानव श्रृंखला बनाई, जिसमें उन्होंने कहा कि इससे उनकी आजीविका प्रभावित होगी.

Updated on: 14 Sep 2020, 02:00 AM

राजपीपला:

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के आसपास के 14 गांवों के सैकड़ों आदिवासियों ने क्षेत्र के विकास के लिए गुजरात सरकार द्वारा किए जाने वाले उनकी भूमि के अधिग्रहण के खिलाफ रविवार को मानव श्रृंखला बनाई, जिसमें उन्होंने कहा कि इससे उनकी आजीविका प्रभावित होगी. आदिवासी अधिकार दिवस के अवसर पर, आदिवासियों ने अपने गांवों के बाहर शांतिपूर्वक तरीके से तख्तियां और बैनर लगाकर विरोध प्रदर्शन किया. एक कार्यकर्ता ने बताया कि उनकी मुख्य मांगों में से एक हाल ही में लागू हुये स्टैच्यू ऑफ यूनिटी क्षेत्र विकास और पर्यटन प्रशासन अधिनियम को रद्द करना भी शामिल है.

सरकार आदिवासियों के स्वामित्व वाली कृषि भूमि को जबरन छीन रही

यह कानून सरकार को सरदार वल्लभभाई पटेल की दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा के आसपास के क्षेत्र में किसी भी विकास परियोजनाओं के लिए इन गांवों में भूमि अधिग्रहित करने की शक्ति देता है. कार्यकर्ता प्रफुल्ल वसावा ने कहा कि आदिवासी समन्वय मंच द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में पूर्वी गुजरात के 16 जिलों के 50 आदिवासी बहुल तालुकाओं के लोगों ने हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि विकास परियोजनाओं के नाम पर राज्य सरकार आदिवासियों के स्वामित्व वाली कृषि भूमि को जबरन छीन रही है जो उनकी आजीविका का आधार है. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के कारण बड़ी संख्या में आदिवासी विस्थापित हुए हैं.