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graves at Pirana Dargah( Photo Credit : social media)
अहमदाबाद पुलिस ने गुरुवार को 600 साल पुरानी पिराना दरगाह पर पथराव और तोड़फोड़ में शामिल होने के आरोप में 37 लोगों को गिरफ्तार किया, दोनों समुदायों द्वारा पूजनीय इस दरगाह को सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल के रूप में देखा जाता है. गुजरात में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान समाप्त होने के कुछ घंटों बाद 7 मई की रात अहमदाबाद में दो समूहों के बीच हुई झड़प के संबंध में गिरफ्तारियां की गईं. अहमदाबाद (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक ओम प्रकाश जाट के अनुसार, एक समूह द्वारा यह आरोप लगाए जाने के बाद तनाव फैल गया कि कब्रों को तोड़ दिया गया है और संत की समाधि, जिसे मजार के नाम से जाना जाता है, को भी निशाना बनाया गया.
पुलिस ने कहा कि पथराव और तोड़फोड़ के कारण कुछ कब्रों और मूर्तियों को नुकसान पहुंचा, साथ ही लगभग छह पुलिस कर्मियों को मामूली चोटें आईं. सूफी संत की दरगाह के पीर इमामशाह बावा ट्रस्ट द्वारा संचालित परिसर में मूल रूप से उनके चार पोते और एक पोती के लिए एक मंदिर, उनके नाम पर एक मस्जिद और एक कब्रिस्तान शामिल था जहां पीर इमामशाह बावा के वंशज सैयदों को दफनाया गया था.
Source : News Nation Bureau