गुजरात में 2002 में गोधरा कांड (Godhra Riots) के बाद हुए दंगों के 17 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सशर्त जमानत दे दी है. इन 17 दोषियों को पहले आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने के साथ शर्तें भी लगाई हैं, जिसके मुताबिक ये 17 दोषी अभी गुजरात नहीं जा सकेंगे. जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जब तक उन लोगों की अपील पर सुप्रीम कोर्ट आखिरी फैसला न कर लें, तब तक वे इंदौर और जबलपुर में ही रहेंगे. अदालत की ओर से तय की गई अन्य शर्तों में समाज सेवा भी शामिल है.
दोषियों को दो अलग-अलग बैच में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को जमानत पर रहने के दौरान सामाजिक और धार्मिक काम का आदेश दिया. अदालत ने एक बैच को इंदौर और एक बैच को जबलपुर भेजा है. इंदौर और जबलपुर में विधिक अधिकारियों से कोर्ट ने कहा है कि जमानत के दौरान वो दोषियों द्वारा आध्यात्मिक और सामाजिक कार्य करने को सुनिश्चित करें.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण को आदेश की अनुपालन रिपोर्ट दायर करने का भी आदेश दिया है. अदालत ने जमानत के दौरान दोषियों के आचरण की भी रिपोर्ट तलब की है. कोर्ट ने अफसरों से उन्हें आजीविका के लिए काम करने के लिए भी कहा है. बता दें कि गोधरा के बाद इन दंगों में 33 लोगों की जान गई थी.
Source : News Nation Bureau