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25 लाख सिड बॉल बनाएंगे बनासकांठा को हराभरा, अंबाजी पर्वत से हुई शुरुआत

कंक्रीट जंगल के इस युग में जहां हर तरफ ऊंची-ऊंची इमारतों के लिए पेड़ काटे जा रहे हैं. पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है तो वहीं अब गुजरात में एक नया अधिगम अपनाते हुए जिलों को हरा भरा बनाने की एक नई मुहिम की शुरुआत की जा रही.

Updated on: 10 Jun 2022, 01:28 PM

अहमदाबाद:

कंक्रीट जंगल के इस युग में जहां हर तरफ ऊंची-ऊंची इमारतों के लिए पेड़ काटे जा रहे हैं. पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है तो वहीं अब गुजरात में एक नया अधिगम अपनाते हुए जिलों को हरा भरा बनाने की एक नई मुहिम की शुरुआत की जा रही. इसके तहत लाखों सीडबॉल का छिड़काव कर जिले को हरा भरा बनाने का एक प्रयास किया जाएगा और यह अभियान बनास डेयरी के साथ वन विभाग का संयुक्त उपक्रम होगा. लाखों की तादाद में सीडबॉल का छिड़काव होने से न सिर्फ जिला हरा भरा होगा, बल्कि पशुओं के लिए चारे की उपलब्धता भी बढ़ जाएगी.

बनासकांठा की बात करें तो बनास डेरी और वन विभाग द्वारा ये एक नया अभियान शुरू किया गया है, जिसमें बनास डेरी जिले के चरवाहों ने लाखों सीड बॉल्स तैयार किए हैं. 25 लाख सीडबॉल के छिड़काव के लिए बनास डेरी और वन विभाग की ओर से अलग-अलग 8 टीमें बनाई गई हैं. 

बनास देरी के चेयरमैन शंकरभाई चौधरी ने कहा कि सालों पहले बनासकांठा में अरावली की पहाड़ियां हरी-भरी थीं, लेकिन वक्त के साथ-साथ का पेड़ पौधों की संख्या काफी कम हो गई है. भारत के प्रधानमंत्री के वृक्षारोपण अभियान में बनास डेरी द्वारा 25 लाख सीड बॉल्स बनाकर पहाड़ी क्षेत्रों में लगाए जा रहे हैं, जिसकी शुरुआत शक्ति पीठ अंबाजी की पहाड़ियों से की जा रही है. मानसून आने से पहले इन सीडबॉल के छिड़काव से आने वाले दिनों में काफी बड़ी तादाद में पेड़ पौधों के रुकने की संभावना है, जो भविष्य के लिए काफी लाभदायक हो सकते हैं.

बनासकांठा वन विभाग की टीमें जिन्हें पहाड़ी क्षेत्र का पूरा ज्ञान है. बनास डेरी द्वारा बनाए गए इस सिड बॉल छिड़काव के अभियान में काफी मददगार साबित हो रही है. यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि क्षेत्र के चरवाहे यह सीडबॉल गाय के गोबर की मदद से तैयार करते हैं, जिसमें गाय के गोबर का गोला बनाकर उसके अंदर बीज रोपित कर दिए जाते हैं और बाद में मानसून से पहले उस गोले का अलग-अलग जगह पर छिड़काव कर दिया जाता है. इससे बारिश के आते ही पेड़ पौधे की उगने की संभावना बहुत ज्यादा प्रबल हो जाती है.

बनासकांठा में पशुपालकों की मदद से तैयार किए गए 25 लाख सीड बॉल्स के ऊंचे पहाड़ों पर छिड़काव के लिए ड्रोन टेक्निक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.