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अनुसूचित जातियों के लिए स्कीम Photograph: (Meta Ai)
गुजरात सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के अंतर्गत अनुसूचित जाति कल्याण निदेशक द्वारा “Scholarship/Stipend to SC Students for ITI/Professional Courses” योजना का संचालन किया जा रहा है. इस योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना है. योजना के तहत सरकारी और निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यानी आईटीआई में पढ़ने वाले पात्र छात्रों को मासिक आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है.
योजना के लाभ क्या क्या हैं?
इस योजना के अंतर्गत पात्र छात्र को 400 रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति या स्टाइपेंड प्रदान किया जाता है. यह राशि सीधे छात्र को शिक्षा से जुड़े खर्चों को पूरा करने में सहायता देती है. सरकार का मानना है कि आर्थिक सहायता मिलने से ड्रॉपआउट दर में कमी आएगी और अधिक छात्र तकनीकी शिक्षा से जुड़ेंगे.
आखिर कौन-कौन ले सकता है लाभ?
इस योजना का लाभ केवल गुजरात राज्य के अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को दिया जाता है. छात्र का अध्ययन किसी सरकारी या निजी आईटीआई में प्रोफेशनल कोर्स में होना चाहिए. इसके साथ ही छात्र के परिवार की वार्षिक आय ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अधिकतम 6,00,000 रुपये तक होनी चाहिए. आय सीमा का प्रमाण सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र से देना अनिवार्य है.
आवेदन कैसे करना होगा?
इस योजना के लिए आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन रखा गया है. इच्छुक छात्र डिजिटल गुजरात पोर्टल पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं. पंजीकरण के बाद प्रोफाइल अपडेट करना अनिवार्य है. इसके पश्चात छात्रवृत्ति सेवाओं में जाकर एससी स्कीम का चयन करना होता है. सही वित्तीय वर्ष चुनने के बाद आवेदन फॉर्म भरकर आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होते हैं. अंतिम चरण में फॉर्म को कन्फर्म और फाइनल सबमिट करना आवश्यक है.
डॉक्यूमेंट्स क्या क्या लगेंगे?
आवेदन के समय पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक या रद्द चेक, स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट, पिछले वर्ष की मार्कशीट, संस्थान का पहचान पत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होते हैं. यदि अध्ययन में एक वर्ष से अधिक का अंतर हो तो ब्रेक एफिडेविट भी अनिवार्य है.
ये जानना जरुरी है?
योजना के तहत एक छात्र केवल एक ही आवेदन कर सकता है. गलत या भ्रामक जानकारी देने पर आवेदन रद्द किया जा सकता है. सभी दस्तावेज स्पष्ट और निर्देशों के अनुसार स्कैन किए जाने चाहिए. आय प्रमाण पत्र की वैधता तीन वर्ष होती है, इसलिए अपलोड करने से पहले उसकी तिथि जांचना जरूरी है. यह योजना राज्य सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत समाज के वंचित वर्गों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है.
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