logo-image

Gujarat Election: चुनाव से पहले रिकॉर्ड 750 करोड़ की संपत्तियां बरामद

Gujarat Election: गुजरात विधानसभा चुनाव (2022 Gujarat Legislative Assembly Election) में लगी आचार संहिता के दौरान पूरे राज्य से भारी मात्रा में अवैध नकदी, ड्रग्स और गहनों की भारी बरामदगी हुई है. केंद्रीय चुनाव आयुक्त...

Updated on: 30 Nov 2022, 11:58 PM

highlights

  • गुजरात चुनाव के दौरान EC को बड़ी सफलता
  • अब तक 750 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्तियां बरामद
  • चुनाव को प्रभावित करने में इस्तेमाल हो सकती थी ये धनराशि

नई दिल्ली:

Gujarat Election: गुजरात विधानसभा चुनाव (2022 Gujarat Legislative Assembly Election) में लगी आचार संहिता के दौरान पूरे राज्य से भारी मात्रा में अवैध नकदी, ड्रग्स और गहनों की भारी बरामदगी हुई है. केंद्रीय चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner of India) राजीव कुमार ने इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने बताया है कि गुजरात चुनाव से जुड़े मामलों में अब तक 750 करोड़ रुपये की कीमत की नकदी, ड्रग्स और ज्वैलरी जैसी चीजें बरामद हुई हैं. ये चुनाव आयोग की सफलता है कि उसने गुजरात चुनाव में संभावित तौर पर इस्तेमाल होने जा रही इतनी बड़ी धनराशि की चीजों को बरामद कर लिया है. इसका सकारात्मक फायदा चुनावों की निष्पक्षता में भी दिखेगा.

पिछले चुनाव में बरामद हुए थे 27 करोड़ के सामान

सीईसी राजीव कुमार ने बताया कि पिछली बार साल 2017 में हुए चुनाव में जहां महज 27 करोड़ की ऐसी अवैध संपत्तियां जब्त हुई थी, इस बार के चुनाव में ये आंकड़ा कई गुना बढ़कर 750 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. इसमें से 27 करोड़ की तो नकदी ही है. इसके अलावा 15 करोड़ की शराब भी सीज हुई है, तो 60 करोड़ रुपये कीमत के ड्रग्स भी बरामद हुए हैं. राजीव कुमार ने कहा कि गुजरात में शराब पर बैन है, इसके बावजूद इस तरह से भारी मात्रा में शराब का पकड़ा जाना अपराधियों की बढ़ी हिम्मत को दिखाता है.

अन्य राज्यों का भी मिला सहयोग

राजीव कुमार ने कहा कि इतनी भारी बरामदगी के पीछे चुनाव आयोग की सतर्कता भी अहम है. उन्होंने बताया कि अकेले वडोदरा में बुधवार को 450 करोड़ की बरामदगी की गई. इसके अलावा गुजरात में 171 करोड़ रुपये के ऐसे सामान बरामद किए गए, जो मतदाताओं के बीच बांटे जाने के लिए लाए गए थे. हमारी टीम के साथ डीआरआई, इनकम टैक्स, गुजरात एटीएस और गुजरात पुलिस ने संयुक्त तौर पर अभियान चलाए. इसके साथ ही गुजरात के पड़ोसी राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और दमन-दीव ने भी इसमें मदद की. उन्होंने अपनी सीमाओं को सील किया और मतदाताओं को प्रभावित करने से रोकने की कोशिश में चुनाव आयोग का साथ दिया.