/newsnation/media/media_files/2025/07/03/rajnath-singh-2025-07-03-18-32-50.jpg)
Rajnath Singh: (S
Gujarat: भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बाबरी मस्जिद का निर्माण सरकारी पैसे से करते थे, लेकिन सरदार पटेल ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. ये दावा केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया है. उन्होंने कहा कि नेहरू ने जब सोमनाथ मंदिर पर हुए खर्च का मुद्दा उठाया था तो पटेल ने कहा था कि जनता के दान के पैसे इसमें खर्च हुए हैं. इसलिए ट्रस्ट बनाया गया था. मंदिर के निर्माण पर सरकारी पैसे खर्च नहीं हुए हैं.
गुजरात के वडोदरा में राजनाथ सिंह ने कहा कि नेहरू ने खुद को भारत रत्न से सम्मानित किया. लेकिन पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाकर सरदार पटेल को सम्मान देने का फैसला किया. हमारे प्रधानमंत्री ने सच में तारीफ-ए-काबिल काम किया है.
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने Statue of Unity का निर्माण कराकर सरदार पटेल को उचित सम्मान देने का कार्य किया है। इसके लिए मोदी जी की जितनी सराहना को जाये कम है: रक्षा मंत्री श्री @rajnathsingh
— Rajnathsingh_in (@RajnathSingh_in) December 2, 2025
गुजरात सरकार निकाल रही है यूनिटी मार्च
बता दें, राजनाथ सिंह मंगलवार को सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर गुजरात सरकार द्वारा आयोजित सरकार की यूनिटी मार्च में शामिल हुए. इसके बाद साधली गांव में उन्होंने सभा को संबोधित किया. सरदार पटेल के जन्मस्थान करमसाड़ से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक यूनिटी मार्च निकाली जा रही है. यात्रा 6 दिसंबर को समाप्त होगी.
राजनाथ के बायन की प्रमुख बातें
राजनाथ सिंह ने कहा कि 1946 में कांग्रेस समितियों ने सरदार पटेल को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया था लेकिन गांधी जी के कहने पर उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया और नेहरू को अध्यक्ष बना दिया. सरदार पटेल अगर देश के पहले प्रधानमंत्री बनते तो कश्मीर की स्थिति आज अलग होती. पटेल संवाद में विश्वास करते थे और जरूरत पड़ने पर सख्ती से कदम उठाते थे. राजनाथ सिंह ने दावा किया कि पटेल के निधन के बाद पटेल के स्मारक के लिए जनता द्वारा जुटाई गई धनराशि को नेहरू ने कुएं और सड़क के निर्माण में लगाने का सुझाव दिया. ये बहुत बेतुका था.
सरदार पटेल ने हमेशा बातचीत करके समस्याओं का समाधान निकालने का प्रयास किया। लेकिन जब रास्ते बंद हो गए, तब उन्होंने कठोर रास्ता भी चुना। हैदराबाद के विलय के लिए भी अंततः कठोर रास्ता अपनाना पड़ा था।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 2, 2025
हमारी सरकार ने भी इसी मूल्य को आदर्श बनाया है। हमने दुनिया को बता दिया कि ‘शांति… pic.twitter.com/mMoNjknfO4
राजनाथ सिंह ने सवाल करते हुए पूछा कि अगर 80 साल में मोरार जी देसाई प्रधानमंत्री बन सकते हैं तो 80 साल की उम्र में सरदार पटेल क्यों नहीं. ये बात पूर्ण रूप से गलत है कि उम्र की वजह से सरदार पटेल को प्रधानमंत्री नहीं बनाया गया.
/newsnation/media/agency_attachments/logo-webp.webp)
Follow Us