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पशु पालन योजना Photograph: (Meta ai)
गुजरात सरकार द्वारा सफाई कामगारों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसी क्रम में सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के अंतर्गत गुजरात सफाई कामदार विकास निगम ने पशु पालन योजना लागू की है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य सफाई कामगारों और उनके आश्रितों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है ताकि वे पशुपालन और उससे जुड़ी गतिविधियों के माध्यम से स्थायी आय अर्जित कर सकें.
लोन के साथ क्या क्या मिलेगा लाभ?
इस योजना के अंतर्गत पात्र सफाई कामगार या उनके आश्रितों को अधिकतम 1,00,000 रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है. ऋण पर ब्याज दर 6 प्रतिशत निर्धारित की गई है, जो अन्य व्यावसायिक ऋणों की तुलना में कम मानी जाती है. यह राशि पशुपालन, डेयरी, बकरी पालन, मुर्गी पालन और संबंधित व्यवसाय शुरू करने के लिए उपयोग की जा सकती है.
पात्रता की शर्तें क्या है?
योजना का लाभ वही व्यक्ति उठा सकता है जो गुजरात का मूल निवासी हो. आवेदक स्वयं सफाई कामगार या सफाई कामगार का आश्रित होना चाहिए. आवेदन की तिथि पर आवेदक की आयु 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए. इसके अलावा, आवेदक या उसके परिवार के किसी सदस्य ने पहले इस निगम या सरकार की किसी अन्य ऋण योजना का लाभ न लिया हो. बीपीएल परिवार, विधवा, परित्यक्ता और दिव्यांग व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाती है.
अप्लाई कैसे करेंगे?
पशु पालन योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रखी गई है. इच्छुक आवेदक को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की वेबसाइट esamajkalyan.gujarat.gov.in पर जाकर पंजीकरण करना होगा. आधार के अनुसार व्यक्तिगत विवरण भरकर यूजर आईडी और पासवर्ड बनाया जाता है. लॉगिन के बाद प्रोफाइल पूरी कर संबंधित योजना का चयन किया जाता है. आवेदन फॉर्म भरकर आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने के बाद आवेदन सुरक्षित किया जाता है.
आवेदन की स्थिति और दस्तावेज
आवेदन संख्या के माध्यम से पोर्टल पर आवेदन की स्थिति ट्रैक की जा सकती है. योजना के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, आय प्रमाण पत्र, सफाई कामगार या आश्रित प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण, बैंक पासबुक, बीपीएल प्रमाण पत्र और यह घोषणा पत्र आवश्यक है कि पहले योजना का लाभ नहीं लिया गया है.
आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
पशु पालन योजना को सफाई कामगारों के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है. सरकार का मानना है कि इस योजना से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण को भी मजबूती मिलेगी.
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