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Palghar Lynching case: दीप जलाकर साधुओं की हत्या की सीबीआई जांच की मांग करेगा संत समाज

इससे पहले विश्व हिन्दू परिषद ने महाराष्ट्र के पालघर ज़िले में पूज्य साधुओं व उनके चालक की अत्यंत दु:खद व निर्मम हत्या की घटना को एक हिन्दू विरोधी सुनियोजित षडयन्त्र बताया

Updated on: 27 Apr 2020, 03:04 PM

नई दिल्ली:

विश्व हिंदू परिषद ने पालघर में मारे गए संतो के लिए सामूहिक श्रद्धांजलि सभा का आह्वान किया है. कल यानी मंगलवार को आरती के समय देशभर के मंदिर, मठ, आश्रमों में आरती के समय दीप जलाकर श्रद्धांजलि देने का आह्वान किया गया है. संत समाज, पुजारी जो जहां हैं वंहा दीप जलाएंगे और संतो की हत्या की सीबीआई जांच की मांग करेंगे.

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बता दें, इससे पहले विश्व हिन्दू परिषद ने महाराष्ट्र के पालघर ज़िले में पूज्य साधुओं व उनके चालक की अत्यंत दु:खद व निर्मम हत्या की घटना को एक हिन्दू विरोधी सुनियोजित षडयन्त्र बताया. विहिप के केन्द्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि घटना के अनेक चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे है. इनकी जांच व हत्यारों के साथ साथ षड्यंत्रकारियों के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही आवश्यक है. उन्होंने पूछा कि लॉक डाउन (Lock Down) के दौरान 14 अप्रैल को गांव - गांव में बच्चे चुराने वाले गैंग की अफवाह किसने फैलाई? 3-4 दिन पहले ही आस-पास के क्षेत्र में मदद की सामग्री बांटने आये एक डॉक्टर तथा पुलिस अधिकारी के ऊपर हमला हुआ था.

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यह पता होते हुए भी, इस घटना के समय पर्याप्त पुलिस फोर्स क्यों नहीं भेजी गयी? 16 अप्रैल की रात्री 9 बजे पहली बार पूज्य साधूओं की गाड़ी गाँव में रोकी गयी और उनके साथ मारपीट हुई. गाँव की सरपंच चित्रा चौधरी के समझाने के बाद मारपीट बंद हुई और उन्हें वन विभाग की चौकी में ले ज़ाया गया. सूचना करने पर क़रीब एक घंटे बाद सशस्त्र पुलिस फोर्स आई तो किन्तु वह केवल मूक दर्शक ही रही. म़ोब लिंचिंग रोकने के लिये फायरिंग क्यों नहीं हुई? क्या किसी ने कुछ भी नहीं करने के लिए पुलिस पर दबाव बनाया था? उसके बाद पुन: भारी भीड़ आस पास के गांवों से एकत्र हो गई जिसने दूसरी बार हमला किया और पूज्य साधुओं की नृशंस हत्या हुई.