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आलाकमान के मनाने के बाद नितिन पटेल के बदले सुर, कही ये बड़ी बात

नितिन पटेल ने साफ किया कि वो इस फैसले से नाराज नहीं है. वो पार्टी के लिए काम करते रहेंगे.

Updated on: 13 Sep 2021, 11:33 AM

highlights

  • नितिन पटेल ने कहा कि कोई नाराजगी नहीं है
  • बीजेपी के लिए काम करता रहूंगा
  • अमित शाह को एयरपोर्ट पर रिसिव करने जाऊंगा

नई दिल्ली :

गुजरात (Gujarat) में नए सीएम पद की शपथ आज भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) लेंगे. शनिवार को विजय रुपाणी के इस्तीफे के बाद रविवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक में भूपेंद्र पटेल के नाम पर मुहर लग गई. इस फैसले से डिप्टी सीएम नितिन पटेल (Nitin Patel) आहत बताए जा रहे थे. भूपेंद्र पटेल को सीएम चुने जाने के कुछ देर बाद एक समारोह को संबोधित करते हुए नितिन पटेल ने कहा था कि अकेले नहीं हैं जिनकी बस छूटी है, बल्कि उनके जैसे 'कई और' भी हैं. नितिन पटेल के इस बयान के बाद अंदाजा लगाया जा रहा था कि वो इस फैसले से खुश नहीं है. क्योंकि सीएम पद की रेस में उनका नाम आगे चल रहा था.

लेकिन नितिन पटेल ने सोमवार को साफ किया कि वो इस फैसले से नाराज नहीं है. नितिन पटेल ने कहा, 'भूपेंद्र पटेल मेरे पुराने दोस्त हैं. मैं उन्हें बधाई देता हूं. उन्हें सीएम के रूप में शपथ लेते देखकर हमें खुशी होगी. जरूरत पड़ने पर उन्होंने मेरा मार्गदर्शन भी मांगा है.'

18 साल की उम्र से बीजेपी के लिए कर रहा काम

उन्होंने कहा कि मैं नाराज नहीं हूं. मैं बीजेपी के लिए तब से काम कर रहा हूं जब मैं 18 साल का था. अब भी काम करता रहूंगा. मुझे पार्टी में पद मिले या ना मिले. मैं पार्टी के लिए काम करता रहूंगा.

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नितिन पटेल ने बताया कि आज अमित शाह गुजरात आ रहे हैं. मैं उन्हें एयरपोर्ट रिसिव करने जाऊंगा.

कोई गिला- शिकवा नहीं 

माना जा रहा है कि आलाकमान के मनाने पर नितिन पटेल के सुर बदल गए. मीडिया रिपोर्ट् की मानें तो गुजरात के नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोमवार सुबह जाकर नितिन पटेल से उनके आवास पर मुलाकात की. इस बीच नितिन पटेल ने भावुक होते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि पार्टी को 30 साल दिए हैं. कोई गिला-शिकवा नहीं है. 

तब भी मौका था लेकिन बाजी विजय रुपाणी मार ले गए थे

गौरतलब है कि गुजरात में साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. बीजेपी इसे देखते हुए सीएम का चेहरा बदला है. इस बार पटेल समुदाय को मौका दिया गया है. लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी नितिन पटेल को सीएम पद की कुर्सी नहीं मिली. जब आनंदी बेन पटेल को हटाया गया था तब नितिन पटेल का नाम आगे था, लेकिन मौका विजय रुपाणी को मिला था. उस वक्त नितिन पटेल को डिप्टी सीएम पद से संतोष करना पड़ा.