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Morbi Bridge Tragedy: नगर पालिका ने अजंता मैन्युफैक्चरिंग को बताया जिम्मेदार

मोरबी नगर पालिका ने गुरुवार को 30 अक्टूबर को हुए पुल के ढहने के लिए अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा समूह) को यह कहते हुए दोषी ठहराया कि इसने न केवल जनता के लिए बल्कि इसकी स्थिरता और फिटनेस के वैज्ञानिक परीक्षण मंजूरी के बिना पुल को खोल दिया. मोरबी नगर पालिका के प्रभारी मुख्य अधिकारी नारन मुछार द्वारा गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष दायर एक हलफनामे में आरोप लगाए गए थे. यह पुल हादसे से पांच दिन पहले ही लोगो के लिए शुरू हुई थी.

Updated on: 17 Nov 2022, 04:45 PM

अहमदाबाद:

मोरबी नगर पालिका ने गुरुवार को 30 अक्टूबर को हुए पुल के ढहने के लिए अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा समूह) को यह कहते हुए दोषी ठहराया कि इसने न केवल जनता के लिए बल्कि इसकी स्थिरता और फिटनेस के वैज्ञानिक परीक्षण मंजूरी के बिना पुल को खोल दिया. मोरबी नगर पालिका के प्रभारी मुख्य अधिकारी नारन मुछार द्वारा गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष दायर एक हलफनामे में आरोप लगाए गए थे. यह पुल हादसे से पांच दिन पहले ही लोगो के लिए शुरू हुई थी.

इस दुखद दुर्घटना में, 51 बच्चों सहित लगभग 140 लोग मारे गए थें. इस घटना पर प्रधानमंत्री मोदी तथा राष्ट्रपति मुर्मु ने दुख जताया था. पीएम मोदी हादसे में मारे गए लोगों के परिवार वालों से मुलाकात की थी. इस घटना पर गुजरात उच्च न्यायालय ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्यवाही शुरू की.

अधिकारी ने आगे कहा, 26-10-2022 को, बिना किसी पूर्व स्वीकृति के, कंपनी ने सस्पेंशन ब्रिज को बड़े पैमाने पर मोरबी नगर पालिका को बताए बिना कि कंपनी द्वारा किए गए मरम्मत कार्य के बारे में बताए बिना साथ ही कथित सस्पेंशन ब्रिज की सामग्री परीक्षण, फिटनेस, धारण क्षमता और संरचना स्थिरता से संबंधित किसी भी स्वतंत्र तीसरे पक्ष के प्रमाण पत्र प्रदान किए बिना जनता के लिए फिर से खोल दिया.

हालांकि उपरोक्त एमओयू की अवधि 15.08.2017 को समाप्त हो गई थी, किसी नए समझौते के अभाव में सस्पेंशन ब्रिज का रखरखाव और प्रबंधन कंपनी द्वारा जारी रखा गया था.