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गुजरात में यूपी, बिहार के लोगों को भगाने के लिए स्थानीय कर रहे हैं हिंसा: Dy SP

वडोदरा के पुलिस उपाध्यक्ष हरेश मेवाड़ा ने कहा, यूपी, बिहार के मजदूर पर हमला किया गया क्योंकि इन लोगों की वजह से स्थानीय लोगों को काम नहीं मिल पाता है.

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Deepak Kumar
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गुजरात में यूपी, बिहार के लोगों को भगाने के लिए स्थानीय कर रहे हैं हिंसा: Dy SP

हरेश मेवाड़ा, वडोदरा के पुलिस उपाध्यक्ष (एएनआई)

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गुजरात के सांबरकांठा में 28 सितम्बर को एक 14 महीने की लड़की के साथ रेप मामले को लेकर राज्य में उत्तर भारतीय समुदाय के लोगों के साथ हिंसा के कई मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि पुलिस प्रशासन की तरफ से जगह-जगह सुरक्षा व्यवस्था के ख़ास इंतज़ाम किए जाने का आश्वासन भी दिया गया है. इसके बावजूद यूपी और बिहार के लोगों के साथ हिंसा की कई ख़बरें आ रही हैं. 

वडोदरा के पुलिस उपाध्यक्ष हरेश मेवाड़ा ने कहा, 'पारम उद्योग लिमिटेड और एक अन्य कंपनी में काम करने वाले यूपी, बिहार के मजदूर पर हमला उस मैसेज के वायरल होने के बाद हुआ है जिसमें कहा गया था कि इन लोगों की वजह से स्थानीय लोगों को काम नहीं मिल पा रहा है. इसलिए ऐसे हमले के ज़रिए लोगों को राज्य से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है.'

हरेश मेवाड़ा ने आगे कहा, 'घायल लोगों द्वारा दर्ज़ कराए गए एफआईआर के आधार पर केस दर्ज़ कर लिया गया है. इसके साथ ही 4 नाबालिग़ और 13 अन्य आरोपियों को भी गिरफ़्तार कर लिया गया है.'

गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हो रही हिंसा के मद्देनज़र राजनीतिक बयानबाजी भी काफी तेज़ हो गई है. गुजरात कोटे से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि अगर इस तरह की घटना यहां होती है तो दूसरे राज्यों में भी हिंसा भड़कने के आसार बढ़ जाएंगे.

पटेल ने कहा, 'निर्दोष लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार ठीक नहीं है वह भी भारत के रहने वाले हैं. अगर गुजरात में हिंसा के ऐसे मामले होंगे तो दूसरे राज्यों में भी इसे बढ़ावा मिलेगा. मुंबई इसका एक उदाहरण है. अगर कोई अपराध करता है तो उसके ख़िलाफ़ सख़्त क़ानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.'

पटेल ने आगे कहा, 'अगर किसी 1-2 व्यक्ति ने अपराध किया है तो अन्य निर्दोष लोगों को निशाने पर क्यों लिया जा रहा है. निर्दोष लोगों को सुरक्षा मिलनी चाहिए. राज्य सरकार को इस मामले की जांच करनी चाहिए और समस्या का निदान निकालना चाहिए.'

बिहार के लोगों को निशाना बनाए जाने पर सीएम नीतीश कुमार ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से बात की है. नीतीश कुमार ने रुपाणी से बात कर गैर गुजरातियों और बिहार के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.

नीतीश कुमार ने कहा, 'मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से बात की है और हम उनके संपर्क में है. वो खुद पूरे हालात पर नजर बनाए हुए हैं. जो लोग रेप जैसे अपराध में शामिल थे उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए लेकिन निर्दोष लोगों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए.'

वहीं दूसरी तरफ गुजरात में हिंसा के बाद खराब होते हालात और हजारों उत्तर भारतीयों के राज्य छोड़ने के बाद सीएम रूपाणी ने कहा है कि रेप के दोषी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसे फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए कड़ी सजा मिलेगी लेकिन निर्दोष को निशाना बनाए जाने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती. जो भी लोग इसमें शामिल हैं उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो रही है. उन्होंने गुजरातवासियों से अपील इस तरह की प्रतिक्रिया से गुजरात का ही नुकसान होगा.

वहीं दूसरी तरफे रेप के आरोपी के बिहार से होने को लेकर खासतौर पर बिहार के लोगों को निशाना बनाए जाने को लेकर गुजरात के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने कहा, बीते चांर पांच दिनों में यूपी और बिहार के लोगों पर हमले हुए हैं और हम आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं. यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि जो भी लोग रोजगार के लिए दूसरे राज्यों से गुजरात आते हैं उन्हें हम सुरक्षा उपलब्ध कराएं. हम केंद्र सरकार के संपर्क में है और जल्द ही इस मामले में केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट देंगे.

उत्तर भारतीयों पर हिंसा और उन्हें गुजरात छोड़ने पर मजबूर करने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने गुजरात सरकार से रिपोर्ट मांगी है जबकि बिहार में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने इसके लिए राष्ट्रीय स्वंय संघ को जिम्मेदार बताया है.

क्यों गुजरातियों के निशाने पर आ गए हैं उत्तर भारतीय

28 सितंबर को गुजरात के साबरकांठा में एक 14 महीने की बच्ची से कथित तौर पर बलात्कार का मुख्य आरोपी बिहार का रहने वाला है. आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है लेकिन गुजरात में एक समुदाय ने राज्य में रेप और अपराध के लिए उत्तर भारतीयों को जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ हिंसा पर उतर आए.

और पढ़ें- गुजरात में बिहार-यूपी के लोगों के पलायन पर इस प्रकार फूटा अखिलेश यादव का गुस्सा

इस मामले को लेकर गुजरात के पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने कहा है कि हिंसा और धमकी देने को लेकर अब तक 42 केस दर्ज किए जा चुके हैं और 342 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जांच के बाद और आरोपियों के नाम सामने आने के बाद उनकी भी गिरफ्तारी होगी.

Source : News Nation Bureau

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